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Ranchi: न्यूक्लियस मॉल के स्वामी विष्णु अग्रवाल ने नामकुम प्रखंड के पुगड़ु मौजा में खासमहाल नेचर की 9.30 एकड़ जमीन खरीदी और उसकी रजिस्ट्री करा ली. यह अब प्रमाणित हो चुका है. आठ जनवरी, 2020 को रांची के तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे ने भू-राजस्व विभाग के सचिव को एक चिट्ठी लिखी. पत्र में नामकुम प्रखंड के पुगड़ु मौजा के खाता नंबर 93 के प्लॉट संख्या 543, 544, 546 और 547 की कुल मिलाकर 9.30 एकड़ जमीन का जिक्र है.
उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि जिला निबंधन कार्यालय को विभाग की तरफ से जो खासमहाल की सूची दी गयी है.
उसमें इस जमीन का कहीं जिक्र नहीं है. साथ ही उन्होंने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए लिखा कि जमीन की रजिस्ट्री में भी निबंधन कार्यालय की तरफ से किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी है. लेकिन डीसी ने पत्र के आखिर में लिखा कि रांची के अपर समाहर्ता (एसी) की तरफ से जमीन की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि जमीन खासमहाल नेचर की है या नहीं.
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एसी की जांच में जमीन खासमहाल नेचर की निकली
आठ जनवरी, 2020 की चिट्ठी के बाद रांची के अपर समाहर्ता ने भू-राजस्व विभाग को तीन मार्च 2020 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में अपर समाहर्ता ने स्पष्ट लिखा कि 1929 में जो डीड तैयार की गयी, उसमें यह जमीन खासमहाल नेचर की है. इसे तीस साल के लिए लीज पर दिया गया था. 27 जुलाई 1940 को इस खासमहाल जमीन को दोबारा से लीज पर दिया गया.
तीसरी बार इस खासमहाल जमीन की लीज एक अप्रैल 1984 से लेकर 30 मार्च 2014 तक रांची डीसी के आदेश पर दे दी गयी. रांची एसी अपनी रिपोर्ट में आगे लिखते हैं कि इस जमीन की सभी डीड को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि यह जमीन खासमहाल नेचर की है. आगे लिखा है कि चेतम कुमार बनाम नरेंद्र बुटाला मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच दल का गठन कर खासमहाल की जमीन का सर्वेक्षण किया जा रहा है.
काम खत्म होने के बाद इस जमीन को प्रतिबंधित जमीन की सूची में डाल दिया जायेगा. साथ ही यह भी लिखा हुआ है कि इस जमीन से संबंधित किसी तरह का कोई एनओसी (No Objection Certificate) जिला राजस्व पदाधिकारी की तरफ से निर्गत नहीं की गयी है.
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दो बार खारिज हुआ जमाबंदी का आवेदन, लेकिन नहीं रद्द हुई रजिस्ट्री
एसी की तीन मार्च, 2020 की रिपोर्ट से यह साफ है कि विष्णु अग्रवाल ने खासमहाल नेचर की जमीन नामकुम में गलत तरीके से खरीदी. एसी को रिपोर्ट जमा किये हुए करीब नौ महीना बीतने को है, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री अभी तक रद्द नहीं की गयी है. रिपोर्ट जमा करते वक्त रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे थे. 14 जुलाई को उनके तबादले के बाद से छविरंजन रांची डीसी के पद पर हैं. इधर नामकुम अंचल कार्यालय में विष्णु अग्रवाल की तरफ से दो बार जमाबंदी (म्यूटेशन) का आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन दोनों बार अंचल कार्यालय की तरफ से म्यूटेशन का आवेदन रद्द कर दिया गया.
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