- रिम्स परिसर में पॉकेटमारों और दलालों की भरमार
- ऑर्थो विभाग में भर्ती मरीज के परिजन से पैसे की ठगी
- खून दिया और चार हजार लेकर गायब हुआ युवक
- चायना सेन के नाम पर आवंटित खून सुशीला को दिया
- एक यूनिट ब्लड का किया इंतजाम, दूसरे यूनिट के लिए दिये 4 हजार
Ranchi: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल का तमगा प्राप्त रिम्स में पॉकेटमार और दलालों का भरमार है. शनिवार को एक मरीज के परिजन से पॉकेट मार ने 6 हजार रुपए की पॉकेट मारी कर ली. तो वहीं दूसरी तरफ रिम्स के ऑर्थो विभाग के C2 वार्ड में भर्ती मरीज के परिजन सुशीला मुंडा से साजन नाम के एक व्यक्ति ने चार हजार रुपए खून देने की एवज में ठग लिया है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब सुशीला मुंडा खरीदे गए खून को रिम्स ब्लड बैंक में रखवाने के लिए पहुंची तब ब्लड बैंक के कर्मचारी ने बताया कि जिस मरीज के नाम से यह खून है, खून उसी मरीज को दिया जाएगा.
एक यूनिट ब्लड का किया इंतजाम, दूसरे यूनिट के लिए दिए 4 हजार रुपए
धुर्वा निवासी सुशीला मुंडा ने कहा कि खरीदे गए ब्लड को जब ब्लड बैंक में रखवाने के लिए पहुंची तब ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने ब्लड को फ्रिज में रखने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति से उसने खून खरीदा था उसका नाम साजन है. सुशीला ने कहा कि एक यूनिट ब्लड का इंतजाम कर लिया था. जबकि दूसरे यूनिट ब्लड के लिए साजन नाम के एक व्यक्ति से संपर्क हुआ. साजन ने कहा कि उसके पास एक यूनिट ब्लड है जिसकी जरूरत उसे नहीं है. चार हजार रुपए की मांग करते हुए साजन ने सुशीला को ब्लड सौंप कर निकल गया. सुशीला ब्लड बैंक के कर्मचारियों से गुहार लगा रही है कि इस एक यूनिट ब्लड को रिम्स ब्लड बैंक में रख ले और जरूरत के वक्त उसे वापस दे दे.
चायना सेन के नाम पर आवंटित खून सुशीला को दिया
साजन नाम के व्यक्ति ने चार हजार रुपए लेकर जो खून सुशीला को दिया था उस पर चायना सेन का नाम लिखा हुआ है. ब्लड के पैकेट पर ब्लड कलेक्शन की तिथि 26 जनवरी 2021 अंकित है. जिसका ब्लड ग्रुप O है.
बिना पैसे के खून देने का है प्रावधान- डॉ चंद्रभूषण
रिम्स के चिकित्सक और रांची शहर में रक्तविर के नाम से अपनी पहचान बना चुके डॉ चंद्रभूषण ने कहा कि रिम्स में बिना पैसा लिए ब्लड देने का प्रावधन है. उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज से ब्लड के नाम पर पैसा लिया जाता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है. डॉ चंद्रभूषण ने कहा कि रिम्स की अपनी सुरक्षाकर्मी,सैप के जवान और स्थानीय थाने के मौजूदगी के बीच यदि मरीज से पैसे की ठगी हो जा रही है तो यह चिंता का विषय है. रिम्स प्रबंधन को ऐसे तत्वों को चिन्हित कर दंड देने की जरूरत है ताकि अगली बार से ऐसे घटना ना हो सके.