Ranchi: झारखण्ड आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन (जेसोवा) के तत्वावधान में शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में पांच दिवसीय दिवाली मेले की शुरूआत हुई. यह मेला आगामी 18 अक्टूबर तक चलेगा. मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि दीपावली मेले का आयोजन जेसोवा का सराहनीय प्रयास है. इससे यहां के उद्यमियों तथा कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा. लोक कलाओ के साथ ही यहां के उत्पादों को प्रोत्साहन मिलना जरूरी है. झारखण्ड आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन की मीडिया प्रभारी रीमा ने बताया कि इस वर्ष दिवाली मेला पांच दिनों का होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य महिला उद्यमिता और ग्रामीण कारीगरों को बढ़ावा देना है.
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मेले में कई राज्यों के उद्यमी भाग ले रहे हैं
14 से 18 अक्टूबर, 2022 तक मेले में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार-झारखण्ड के विभिन्न जिलों से उद्यमी भाग ले रहे हैं. इस वर्ष मेले में स्वदेशी कपड़ों, जनजातीय भोजन और स्वदेशी कला जैसे कोहबर और सोहराई से संबंधित स्टाल भी आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. झारखण्ड राज्य एवं देश के कोने-कोने में प्रचलित लोक कलाओं से संबंधित उत्पाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित परिधान जैसे रेशम, सिल्क के विभिन्न प्रकार के संग्रह उपलब्ध रहेंगे.
वाहनों का करा सकते हैं बुकिंग
इस वर्ष आयोजित जेसोवा दीवाली मेला में कुल 300 स्टॉल लगाए गए है. मेले में आनेवाले लोग विभिन्न तरह के व्यंजनों का लुत्फ उठा सके इसके लिए फूड स्टॉल भी लगाये गए है. साथ ही मेले में हेल्थ चेक अप कैम्प, आधार पंजीकरण केन्द्र एवं झारखण्ड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी से संबंधित स्टाल भी आकर्षण के केन्द्र हैं. जेसोवा दीवाली मेला के दौरान ऑटोमोबाइल्स की बिक्री की भी व्यवस्था रहेगी. यहां मेला में आनेवाले लोग टू व्हीलर (दो पहिया) और फोर व्हीलर (चार पहिया) वाहनों की बुकिंग भी करा सकते हैं.
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आय सामाजिक कार्यों में होता है खर्च
उल्लेखनीय है कि जेसोवा एक पंजीकृत सोसाइटी है, जो अपने स्थापना वर्ष से ही झारखण्ड में विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी कार्यों में अपनी सहभागिता प्रदर्शित करता रहा है. संस्था द्वारा आयोजित मेले के आयोजन से होने वाली आय, विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी कार्यों पर खर्च किये जाते हैं, जैसे हेल्थ चेकअप कैम्प, समाज में पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, नेत्रहीन विद्यालय, मूक एवं बधिर विद्यालय, प्रोबेशन होम, वृद्धाश्रम आदि में एवं अन्य जरूरतमंद लोगों के बीच उनके जरूरत की सामग्रियों का समय-समय पर वितरण, उनकी चिकित्सा हेतु अनुदान, पौधारोपण अभियान जैसे काम होते हैं.