Ranchi: झारखंड कैडर के 2002 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. मनीष रंजन को मिड करियर ट्रेनिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया है. डॉक्टर मनीष रंजन नें देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है. मनीष रंजन वर्तमान में झारखंड में ग्रामीण विकास सचिव और ग्रामीण कार्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं. डॉ. रंजन को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी (LBSNAA) में आयोजित 16 वे मिड करियर ट्रेनिंग फेज 4 में प्रशिक्षण में पहला स्थान सहित डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ.
मूसरी में हुआ था प्रशिक्षण
बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में आयोजित यह प्रशिक्षण 18 जुलाई 2022 से 12 अगस्त 2022 के बीच संपन्न हुआ था. प्रशिक्षण में पूरे भारतवर्ष से 2000 से 2007 बैच के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश के 94 आईएएस अधिकारियों ने भाग लिया था. डॉ. मनीष रंजन को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू एवं लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी(LBSNAA) के निदेशक श्रीनिवास ने सम्मानित किया.
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लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में प्रशिक्षण
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के बारे में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में बुलाया जाता है. साथ ही आईएएस अधिकारी को मिड करियर ट्रेनिंग भी दिया जाता है. यह अकेडमी उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है जो कि एक पहाड़ी इलाका है. माना जाता है कि इस ट्रेनिंग अकेडमी में कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है. जैसे कि अकेडमी परिसर में फ़ोन इस्तेमाल करने की मनाही. अकेडमी में धूम्रपान और मदिरा का सेवन भी प्रतिबंधित है.
साल 1958 में गोविंद बल्लभ पंत ने की थी स्थापना
15 अप्रैल, 1958 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने सिविल सेवा के सभी रंगरूटों को प्रशिक्षित करने के लिए मसूरी के चारलेविल एस्टेट में राष्ट्रीय अकादमी स्थापित करने का फैसला किया. उस समय इस अकादमी का नाम नेशनल अकेडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन रखा गया था. 1972 में इसे बदल कर लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन किया गया. इसके बाद 1973 में “नेशनल” शब्द जोड़ा गया और यह “बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी” बन गया.
दूसरे देशों के अधिकारी भी लेते हैं प्रशिक्षण
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी (LBSNAA) में ना केवल भारतीय सिविल सर्वेन्ट्स बल्कि बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और म्यंमार के कुछ सिलेक्टेड सिविल सर्वेन्ट्स की भी ट्रेनिंग होती है. ये सभी अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक अपने भारतीय समकक्षों के साथ पहले 3 महीने के फाउंडेशन कोर्स प्रशिक्षण में भाग लेते हैं.