Ranchi: जिले के बुढ़मू थाना में तैनात जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या कर ली है. मृतक जवान की पहचान देवेश प्रसाद के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि जवान ने रविवार सुबह चार बजे के करीब खुद के हथियार से गोली मारकर हत्या कर ली. जवान रात में संतरी डयूटी पर थाना में तैनात था. इसी दौरान उसने खुद को गोली मार ली. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुटे हुए हैं.
सुबह मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद अन्य जवानों ने जब देवेश की खोजबीन शुरू की. तो कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद सभी ने छत पर आकर देखा तो देवेश मृत पड़ा हुआ था. बता दें कि मृतक जवान रातू थाना के हिसरी गांव का रहने वाला है. 21 मई को उसकी शादी होने वाली थी.
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डिप्रेशन में था जवान
बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने वाला जवान देवेश प्रसाद पिछले 3 दिनों से डिप्रेशन में चल रहा था. हालांकि वह किस वजह से डिप्रेशन में था, यह उसने किसी को नहीं बताया था. आत्महत्या करने के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पायी है. पुलिस सभी मुख्यबिंदुओं को ध्यान में रखकर मामले की छानबीन कर रही है. जवान के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गयी है.
पुलिस महकमे में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं
पुलिस महकमे में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. मानसिक और पारिवारिक तनाव के कारण पुलिसकर्मी आत्महत्या कर रहे हैं. राज्य पुलिस के वरीय अधिकारी लगातार प्रयास में लगे हैं कि पुलिस टीम को तनाव से मुक्त रखने का हर संभव प्रयास किया जाये. लेकिन हर माह किसी ना किसी जिले में पुलिसकर्मियों के आत्महत्या की घटना सामने आ रही है.
बीते 8 नवंबर को पाकुड़ में सब इंस्पेक्टर रानू कुमार ने भी अपने घर के कमरे में बंद होकर फांसी लगा ली थी. इससे पहले बीते 29 अक्टूबर को गिरिडीह में एक जवान ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. यह पुलिस की ओर से आत्महत्या करने का पहला मामला नहीं है. बीते एक वर्ष के दौरान 10 से अधिक पुलिसवालों में आत्महत्या कर ली है.
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समाधान के लिए झारखंड पुलिस ने 60 दिनों तक ‘अभियान सम्मान’ चलाया
डीजीपी एमवी राव के आदेश पर राज्यभर के सिपाही, हवलदार व चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए ‘अभियान सम्मान’ चलाया गया. डीजीपी के आदेश के मुताबिक, कोविड 19 ड्यूटी में झारखंड पुलिस का काम काफी सराहनीय रहा. ऐसे में पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील होकर उसे सुलझाने की जरूरत है. अभियान छह अलग-अलग चरणों में 20 अगस्त तक चला था.
जानिए कितने पुलिसकर्मी ने की आत्महत्या
11 मार्च 2020 : दुमका पुलिस लाइन में अरुण कुमार सिंह नाम के सिपाही ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
19 अप्रैल 2020 : जमशेदपुर के गुड़ाबांदा थाने के एसआई ने निलंबन के डर से खुद को एके-47 से मारी गोली.
10 अगस्त 2020 : जमशेदपुर पुलिस लाइन में एएसआइ तरुण पाण्डेय ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर लिया. तरुण पांडेय ने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी.
18 अक्टूबर 2020 : गिरिडीह जिले के नगर थाने में पदस्थापित में सहायक पुलिस निरीक्षक विजय तिर्की ने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया था.
29 अक्टूबर 2020: गिरिडीह के पचम्बा थाना में पोस्टेड 35 वर्षीय जवान राजीव एक्का ने गुरुवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था.
8 नवंबर 2020 : पाकुड़ शहर के थानापाड़ा स्थित एक मकान में सब इंस्पेक्टर रानू कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. रानू का शव फंदे से लटकता हुआ पुलिस ने बरामद किया था.
12 सितंबर 2019 : पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में झारखंड पुलिस के दो सिपाहियों ने को ट्रेन के आगे छलांग लगा दी.महिला सिपाही नंदिनी कुमारी की मौके पर ही मौत हो गयी. पुरुष सिपाही सरोज कुमार को गंभीर हालत में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था.दोनों देवघर जिला बल में तैनात थे.
25 अक्टूबर 2019: सरायकेला जिले के दुगनी स्थित सीआरपीएफ 196 बटालियन के कैंप परिसर में सीआरपीएफ जवान मोहम्मद सैफुद्दीन अहमद आत्महत्या कर ली, जवान का शव पेड़ से लटका मिला था.
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