Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन ने गुरुवार को बोकारो में कहा था कि 1932 का खतियान उनकी सरकार के लिए पहले भी, आज भी और कल भी मुद्दा रहेगा. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झामुमो आदिवासी-मूलवासी के लिए सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाती है. हेमंत सरकार ने इस मुद्दे पर कभी सीरियस पहल नहीं की. 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति को मुख्यमंत्री एक सरकारी संकल्प से लागू कर सकते थे, लेकिन नहीं किया. इन्होंने अपने विधि विभाग के विरोध के बावजूद विधानसभा में 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति को लाकर ड्रामेबाजी कर के नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्यपाल को भेज दिया. मुख्यमंत्री को पता था कि इस विधेयक के प्रारूप में त्रुटियां हैं और यह कानून की कसौटी पर टिक नहीं पाएगा. लेकिन इन्होंने सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने के लिए 1932 की स्थानीय नीति को फूल प्रूफ नहीं बल्कि त्रुटिपूर्ण बना दिया.
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