Ranchi : मुक्ति संस्था ने रविवार को जुमार नदी तट पर 32 लावारिस शवों का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया. संस्था के सदस्यों ने दाह संस्कार से पूर्व मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. फिर उन्हें मुखाग्नि दी. मुक्ति संस्था पिछले नौ वर्षों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते आ रही है. इन शवों के अंतिम संस्कार के लिए संस्था की ओर से कई दिनों से तैयारी की जा रही थी. रिम्स में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन लावारिस शवों को जुमार नदी तट पर ला गया. फिर अंतिम संस्कार किया गया. गौरतलब है कि संस्था द्वारा अब तक 1655 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.
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शवों की पहचान के लिए पुलिस ने भी किए कई प्रयास
इससे पहले पुलिस की ओर से इन शवों की पहचान के लिए कई प्रयास किए गए. पुलिस ने शवों की पहचान के लिए कई बार विज्ञापन भी निकाले. लेकिन इन शवों की पहचान नहीं हो सकी. इनके संबंधियों की कोई खोज-खबर नहीं आने के बाद आखिरकार लंबे समय से रखे गए इन शवों को सामूहिक दाह संस्कार के लिए संस्था को सौंप दिया गया.
एक साथ 32 चिता सजायी गयी
इससे पहले संस्था के सदस्य रिम्स के मोर्चरी में पड़े सभी शवों को पैक कर ट्रैक्टर से ले गए. इनमें से कई शव गल गए थे. इसलिए उन शवों को प्लास्टिक पैक कर पूरी तरह सील कर दिया गया था. सभी शवों को जुमार नदी के तट पर लाकर एक साथ 32 चिता सजायी गयी. फिर शवों को मुखाग्नि दी गई. दाह संस्कार के सभी विधि-विधान भी पूरे किए गए.
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