– झारखंड गठन के बाद से ही बंद है क्लर्कों की बहाली
– मुख्यमंत्री ने 10 क्लर्क बहाली का दिया है निर्देश
– शिक्षा सचिव ने जिलों से मांगा था रिक्तियों का ब्यौरा
– किसी भी प्रमंडल से अभी तक सही ब्यौरा नहीं भेजा
Ranchi: झारखंड बनने के बाद से ही शिक्षा विभाग में कभी भी क्लर्कों की बहाली नहीं हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने शिक्षा विभाग को करीब 10 हजार क्लर्कों की बहाली का निर्देश दिया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग की तरफ से सचिव शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने सभी प्रमंडलों के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों (आरडीडीई) से 30 जनवरी तक आरक्षण रोस्टर क्लीयर कर रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा था. लेकिन किसी भी प्रमंडल से अभी तक सही ब्यौरा नहीं भेजा है.
जिलों को दोबारा पत्र भेजा जा रहा पत्र
जिसके बाद सचिव की तरफ से नाराजगी जताते हुए दोबारा से सभी पदाधिकारियों को पांच दिनों के अंदर सारा ब्यौरा देने कि लिए चिट्ठी भेजी जा रही है. उन्होंने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को अपने-अपने प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों व कार्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी निर्धारित फार्मेट में देने के लिए कहा है.
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सचिव के पत्र के बाद पदाधिकारी रेस
सचिव के इस पत्र के बाद जिला और प्रमंडल में पदाधिकारी रेस हो गए हैं. जिला और प्रमंडल में पदास्थापित पदाधिकारियों का कहना है कि 20 साल से ऐसी बहाली नहीं हुई है. इसलिए ब्योरा जुटाना मुश्किल हो रहा है. बता दें कि झारखंड के माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं अन्य विद्यालयों सहित स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तमाम कार्यालयों में पहली बार तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति होनी है. इनमें प्रखंड से लेकर प्रमंडल स्तर तक के कार्यालय शामिल हैं.
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जेएससीसी को भेजनी है सूची
रिक्तियां से जुड़े ब्यौरा मिलने के बाद उस सूची को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जाना है. माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के अलावा जिन कार्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है. उनमें क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षका, उप जिला शिक्षा अधीक्षक, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान आदि शामिल हैं.
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अनुमान लगाया जा रहा है कि विद्यालयों और कार्यालयों में तृतीय श्रेणी के लगभग 10 हजार पद रिक्त हैं. राज्य बनने के बाद पहली बार सरकारी हाई स्कूलों और प्लस टू स्कूलों में क्लर्कों की नियुक्ति होगी.
शिक्षकों की कर दी जाती है प्रतिनियुक्ति
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इन कार्यालयों में तृतीय श्रेणी के पद रिक्त रहने से कई बार शिक्षकों की वहां प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है. समय-समय पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद किए जाने के निर्देश के बावजूद शिक्षक इन कार्यालयों में प्रतिनियुक्त रहते हैं.
इससे संबंधित स्कूलों का पठन-पाठन प्रभावित होता है. रिक्त पदों पर नियुक्ति होने से शिक्षकों की वहां प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकेगी. जिससे स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा.