Ranchi: विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना सभी लोग करते हैं. खासकर छात्र इस दिन मां की आराधना हर्षोल्लास के साथ करते हैं और सरस्वती मां से बुद्धि विद्या का वरदान मांगते हैं. इस वर्ष 16 फरवरी को सरस्वती पूजा है. ऐसे में राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी हर्षोल्लास के साथ मां की प्रतिमा की स्थापना करते हैं. विधि विधान से पूजन करते हैं. लेकिन इन दिनों सरस्वती पूजा के नाम पर रिम्स में अध्ययनरत छात्र चंदा के लिए मनमाने राशि का रसीद काट रहे हैं.
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11 महीने से रिम्स प्रबंधन ने नहीं किया है पैसे का भुगतान
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों को खाना खिलाने वाली कंपनी प्राइम सर्विस को पिछले 11 महीने से मरीजों को भोजन देने के एवज में दिए जाने वाले राशि का भुगतान नहीं किया गया है. लेकिन सरस्वती पूजा के नाम पर 12001 रुपए का रासीद जरूर थमा दिया गया है.
एंबुलेंस चालकों को दिया 5001 रुपए का रसीद
रिम्स परिसर में काम करने वाले निजी एंबुलेंस चालकों को रिम्स के छात्रों ने 5001 रुपए का रसीद थमा दिया है. चालकों का कहना है कि पूजा के नाम पर यह अवैध वसूली है.
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जितना देते हैं चंदा उतना नहीं मिलता प्रसाद
रिम्स में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री सिस्टम और OT के सामानों को स्टेरलाइज करने वाली कंपनी CSSD को भी रिम्स के अध्ययनरत चिकित्सकों ने मनमाने राशि की रसीद थमा दी है. मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री सिस्टम को 11000 और ओटी स्टेरलाइज करने वाली CSSD को 13551 की रसीद दी गई है. कंपनी में कार्यरत लोरेन भगत ने कहा है कि पिछले 4 महीने से हम लोगों को तनख्वाह नहीं मिल रहा है. ऐसे में चंदा के नाम पर इतनी बड़ी राशि का भुगतान कैसे करेंगे.
रिम्स में लगभग 1300 से 1500 छात्र करते हैं पढ़ाई
रिम्स में एमबीबीएस और पीजी मिला कर लगभग 1300 से 1500 की संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं. छात्र आपसी चंदा भी करते हैं तो राशि लाखों में होगी. लेकिन सरस्वती पूजा के नाम पर रिम्स के आसपास यह छात्र मनमानी राशि की रसीद अलग-अलग कंपनी और संस्थाओं को दे रहे हैं.
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