Ranchi: झारखंड बनने के बाद रांची और आस-पास के इलाके में जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है. हर दिन जमीन की कीमत बढ़ रही है. अब रिंग रोड चालू हो जाने से उससे सटी जमीन सोना उगल रही है. रिंग रोड पर कहीं भी जमीन पांच लाख रुपए प्रति डिसमिल से कम नहीं है. इस बढ़ती कीमत ने रांची में सैकड़ों दलाल और जमीन माफिया खड़े कर दिये हैं. अनगिनत जगह जमीन प्लॉटिंग कर बेचने का काम शुरू हुआ. कुछ सही तो कुछ गलत तरीके से भी. हाल ही में पुलिस हाउसिंग कॉलोनी चर्चा में आयी थी. पूर्व डीजीपी डीके पांडे पर वहां अपनी पत्नी के नाम 50 डिसमिल भुईहरी जमीन खरीदने का आरोप लगा. प्रशासनिक जांच इतनी धीमी है कि उनका मकान बनकर खड़ा भी हो गया. जमीन माफिया इसी तरह भुईहरी जमीन, नदी की जमीन और बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अवैध कब्जा कर रिवर व्यू के नाम से एक प्रोजेक्ट तैयार करने की तैयारी में थे. ‘लगातार न्यूज नेटवर्क’ ने इस अवैध कब्जे का पर्दाफाश किया. प्रशासन ने मामले पर कमलेश कुमार नाम के शख्स पर एफआईआर किया है.
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100 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट तैयार कर रहे थे माफिया
रिवर व्यू के नाम पर कमलेश और उसके साथी मिलकर 100 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट तैयार कर रहे थे. ‘लगातार न्यूज नेटवर्क’ की टीम जब वहां पहुंची, तो जमीन की देखरेख करने वाले से बात हुई. संवाददाता ने रिवर व्यू प्रोजेक्ट में जमीन खरीदने की इच्छा जतायी. केयरटेकर ने कहा कि इस पूरे प्रोजेक्ट में कहीं भी जमीन लीजिए, एक ही रेट लगेगा. रेट पूछने पर 5.5 लाख रुपए प्रति डिसमिल बताया गया. रिवर व्यू प्रोजेक्ट लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है. इस हिसाब से पूरा प्रोजेक्ट 100 करोड़ से ज्यादा का हुआ. यानी नदी, यूनिवर्सिटी और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रिवर व्यू प्रोजेक्ट के नाम पर पब्लिक की जेब से 100 करोड़ ऊगाही करने की तैयारी में थे माफिया. ‘लगातार न्यूज नेटवर्क’ ने एक बड़ा फरेब होने से पहले ही गड़बड़ी का प्रशासन के समाने लाने का काम किया.
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एफाईआर तो हुआ, लेकिन पुलिस की गिरफ्त से बाहर है कमलेश
लगातार न्यूज नेटवर्क में खबर प्रकाशित होने के बाद, प्रशासन ने कमलेश नाम के शख्स के नाम पर एफआईआर दर्ज किया है. लेकिन दो दिनों के बाद भी कमलेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. कमलेश कुमार और उसके साथियों का नाम पहले भी जमीन से जुड़े कई मामलों में सामने आ चुका है. पूर्व डीजीपी डीके पांडे की जमीन में भी कमलेश कुमार और उसके साथियों का नाम सामने आया था. उस वक्त भी उसपर प्रशासन ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की थी. अब तक रिवर व्यू के मामले में उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि कमलेश कुमार की गिरफ्तारी पुलिस कब तक कर पाती है.