रैप पर चलती मॉडलों में उकेरी कलाकृतियां, महज 20 मिनट में 72 फीट की वाल पेंटिंग कर बनायी अलग पहचान
Rehan Alamad
Ranchi: पेंटिंग की ललक पाले मो साबिर हुसैन बचपन से ही काफी संषर्घ के दौर से गुजरे है. कई जगह अपनी इच्छा लेकर गये जरूर, लेकिन उन्हें शिक्षक ही नहीं मिल रहे थे. मो सनाउल्लाह नामक कला शिक्षक का जब उन्हें पता चला. उनके पास जा पहुंचे. पहले तो उन्होंने मना किया. फिर पेटिंग के पूछे गये प्रश्न का जवाब देने पर उन्होंने मो साबिर को अपना छात्र स्वीकार किया. 3 साल तक उनसे इस कला में पूरी महारत हासिल कर ली. वहीं 1993 में शिक्षक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. उसके बाद इस स्कूल की संभालने की जिम्मेदारी मो साबिर पर ही आ गई. आज तक वे लोगों को कई तरह की पेंटिंग की ट्रेनिंग देते आ रहे हैं. इसी बीच आर्मी स्कूल में भी पेंटिंग के शिक्षक बन गये. मो साबिर ने महज 20 मिनट में 72 फीट की खूबसूरत पेंटिंग बना कर खिताब अपने नाम किया. इसी तरह उन्होंने 2010 में चलती माडल की ड्रेस में सूबसूरत पेंटिंग की आकृति उकेरी जिसे देख सभी दंग रहे गये. इसके लिये इनका नाम लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ. 2015 में जीओसी 17 कॉर्प व 23 इंफ्रेट्री डिवीजन के लिए लोगो तैयार किया था. इस पर लेफ्टिनेंट जनरल आरजे नारोन्हा व लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय ने सम्मानित किया. शहीद संकल्प शुक्ला की पेंटिंग, सिंगर बप्पी दा की पेंटिंग बनाई. झारखंड की पूर्व राज्यपाल, वर्तमान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया था.
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यहां से किये कोर्स
इन्होंने वेस्ट बंगाल से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट का कोर्स किया है. फैशन डिजाइन की ट्रेनिंग ली है.
मेन रोड स्थित वाकिंग स्ट्रीट में आईफा इंटरनेशनल स्कूल ऑफ फाईन आर्ट एंड डिजाइन के संचालक हैं. यहां ब्यूटिशियन, कोरियोग्राफी की ट्रेनिंग के साथ फैशन शो करवाये जाते हैं. युवाओं के लिये एक नई उम्मीद हैं.
इनके सीखे छात्र देश में कई जगह लहरा रहे परचम
इनके सीखे छात्र बालीवुड में अपनी कला बिखेर रहे हैं. छात्रा काजल, मनीष समेम बड़ी संख्या में अन्य छात्र देश में कई जगह अपना परचम लहरा रहे हैं. आज भी 100 से अधिक छात्र इस इस कला के गुर को सीख रहे हैं. ताकि इस क्षेत्र में कल मुकाम बनाना सहज हो सकें.