Hazaribagh: कोयला मंत्रालय द्वारा अडाणी इंटरप्राइजेज को आवंटित गोंदलपुरा खनन परियोजना के तहत बनने वाले पुनर्वास कॉलोनी के निर्माण के लिए शनिवार को चंदौल स्थित पंचायत भवन में मुखिया प्रतिनिधि सनित कुमार महतो की अध्यक्षता में ग्राम सभा हुई. इस दौरान बड़कागांव के अंचल अधिकारी बालेश्वर राम की मौजूदगी में क्रेडल (सेंटर फॉर एडवांसिंग एन्ड लॉन्चिंग एंटरप्राइजेज) एजेंसी के सलाहकारों ने ग्रामीणों को सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (एसआईए) की रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया.
अधिकारियों ने बताया कि कोयला खनन परियोजना से होने वाले भू-अर्जन के कारण जो परिवार विस्थापित होंगे, उनके पुनर्वास के लिए चंदौल गांव में 161.99 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. यह योजना भू अर्जन और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 की धारा चार के प्रावधानों के अधीन है. इससे संबंधित अध्ययन रिपोर्ट को ग्राम सभा के दौरान पटल पर रखा गया और ग्रामीणों से राय ली गयी. ग्रामीणों ने भी पुनर्वास कॉलोनी बनाने का पुरजोर समर्थन किया और अपनी 14 सूत्री मांग पत्र को पढ़ कर अधिकारियों को सुनाने के बाद सौंप दिया. अधिकारियों ने सभी ग्रामीणों के मंतव्य को सुना और निवेदनों को दर्ज किया. ग्राम सभा में उपमुखिया मो शमशेर आलम समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
परियोजना शुरू होने से रोजगार के अवसर मिलेंगे
खान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अडाणी इंटरप्राइजेज के गोंदलपुरा खनन परियोजना के शुरू होने से राज्य सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व मिलेगा, जिससे यहां का अर्थतंत्र मजबूत होगा. इसके अलावा हजारीबाग जिले में पांच से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. यहां कोयला खनन शुरू होने से अवैध कोयले की तस्करी पर भी लगाम लगेगी, जिस कारण एक ओर सरकार को राजस्व में भारी फायदा मिलेगा. वहीं जनहित के कार्यक्रमों में भी तेजी आएगी. उल्लेखनीय है कि झारखंड देश के प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों में से एक है.
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