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बांग्लादेश : प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा, चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने इस्तीफा दिया

Dhaka : बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच बांग्लादेश में शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हो गयी. खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने ढाका में सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया. प्रदर्शनकारियों में अधिकतर छात्र शामिल हैं,  उन्होंने चीफ जस्टिस सहित सभी जजों को आगाह किया कि एक घंटे के भीतर सभी इस्तीफा दें. शनिवार को ढाका में हाई कोर्ट बिल्डिंग के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए, उन्होंने चीफ जस्टिस समेत सात जजों के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए थे और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे इस आंदोलन को जारी रखेंगे. खबर है कि  प्रदर्शनकारियों के  बढ़ते दबाव  से चीफ जस्टिस ने इस्तीफा दे दिया है. कोर्ट परिसर में बांग्लादेश सेना के जवानों को तैनात किया गया है.

ओबैदुल हसन को पिछले वर्ष बांग्लादेश का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था

सूत्रों के अनुसार प्रदर्शन से घबराये बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने न्यायपालिका के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था. वह शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से परामर्श करने के बाद अपना इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन पहले ही इस्तीफा दे दिया.  ओबैदुल हसन को पिछले वर्ष बांग्लादेश का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था. हसन को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का करीबी भी माना जाता है. बांग्लादेशी मीडिया प्रोथोम एलो के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व आसिफ महमूद साजिब कर रहे हैं, जो नवगठित अंतरिम सरकार के सलाहकारों में से एक हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा की. बताया कि प्रदर्शनकारियों की मांगें मुख्य न्यायाधीश समेत सात जजों के इस्तीफे को लेकर हैं.

आंदोलन का जिला अदालतों का कोई लेना-देना नहीं है

साथ ही स्पष्ट किया कि हमारे आंदोलन का जिला अदालतों का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला अदालतों के सामने धरना न दें. जानकारी के अनुसार शनिवार को चीफ जस्टिस ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई थी, इस खबर के बाद प्रदर्शनकारी भड़क गये. छात्र और वकील सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट को घेरने निकल पड़े, एक प्रदर्शनकारी अब्दुल मुकद्दिम के अनुसार मुख्य न्यायाधीश अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने की साजिश रच रहे हैं. इस क्रम में अंतरिम सरकार के खेल मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद ने मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के बिना शर्त इस्तीफे और फुल कोर्ट मीटिंग को रद्द करने की मांग की. रिपोर्ट के अनुसार चीफ जस्टिस ने जजों की बैठक स्थगित कर दी.

ओबैदुल हसन विदेश गये थे, तो वे अवामी लीग नेताओं के आवासों पर ठहरे थे.

अंतरिम सरकार में कानूनी सलाहकार (मंत्री) प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा के लिए मुख्य न्यायाधीश को अपने भाग्य का फैसला करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्य न्यायाधीश को छात्र लोगों की मांगों का सम्मान करना चाहिए. प्रदर्शनकारी नेताओं की शिकायतों का जिक्र करते हुए आसिफ नजरुल ने कहा, मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई, वह पराजित निरंकुश ताकतों के पक्ष में जाता दिख रहा था.  हालांकि उन्होंने कहा,      मुख्य न्यायाधीश बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं. हालांकि, उनके बारे में कुछ सवाल उठ रहे हैं. कहा कि आंदोलन के दौरान जब ओबैदुल हसन विदेश गये थे,  तो वे अवामी लीग नेताओं के आवासों पर ठहरे थे.  
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