New Delhi : देश के लिए राहत भरी खबर आ रही है. सूत्रों की मानें तो अगले महीने यानि अगस्त में ही बच्चों के लिए कोरोना का टीका आ सकता है. आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर आने से सबसे अधिक खतरा बच्चों को ही है. ऐसे में बच्चे के टीके को लेकर आ रही यह खबर वाकई राहत देने वाली है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया है कि अगस्त महीने में ही भारत में बच्चों के लिए कोरोना रोधी टीका आ सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान यह जानकारी दी है. अभी तक देश में 18 साल या उससे ऊपर की आयु वाले व्यस्कों को ही कोरोना रोधी टीका दिया जा रहा है.
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…तो अगस्त में ही शुरू हो जाएगा बच्चों का वैक्सीनेशन
एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के दौरान यह बताया था कि सरकार संभवतः अगले महीने से बच्चों को टीका लगाना शुरू कर देगी. विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने और फिर से स्कूल खोलने के लिए बच्चों को टीका दिया जाना एक बड़ा कदम साबित हो सकता है. अब तक देश में सितंबर महीने तक बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आने की संभावना जताई जा रही थी.
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एम्स चीफ ने क्या कहा था
इस संबंध में एम्स चीफ डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बीते दिनों यह कहा था कि देश में सितंबर तक बच्चों को टीका लगना शुरू किया जा सकता है. उन्होंने इसके पीछे कारण बताया था कि जाइडस कैडिला ने ट्रायल कर लिया है और उसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी का इंतजार है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल भी बच्चों पर अगस्त या सितंबर तक पूरा हो सकता है. वहीं, फाइजर की वैक्सीन को अमेरिकी नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में उम्मीद है कि भारत में भी सितंबर तक बच्चों को टीका लगाने का अभियान शुरू हो जाएगा.
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बच्चों के परीक्षण में खरी उतरी जायकॉव-डी, इमरजेंसी इस्तेमाल की मांगी मंजूरी
उधर, देश में एक और स्वदेशी वैक्सीन का परीक्षण सफल हुआ है. ये तीसरी स्वदेशी वैक्सीन 12 साल और इसे ज्यादा उम्र के लोगों को लगायी जायेगी. वैक्सीन जायकॉव-डी बच्चों के परीक्षण में खरा उतरी है. कंपनी ने इसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी है. जायडस कैडिला कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया से वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. कंपनी ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है. कंपनी कुछ औपचारिकताओं के बाद इस वैक्सीन को जल्द ही मार्केट में लाने की भी तैयारी कर रही है. बता दें कि जायकॉव-डी ने क्लीनिकल ट्रायल पास कर लिया है. सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी कसौली ने अपनी वेबसाइट में इसकी पुष्टि की है. कंपनी डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलते ही वैक्सीन के पब्लिक बैच जांच के लिए दोबारा सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी भेजेगी. बहरहाल जो भी लेकिन यह खबर वाकई राहत देने वाली है कि जल्द ही बच्चों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी.