Ranchi : केंद्रीय सरना समिति ने डॉ रामदयाल मुंडा की 82वीं जयंती मनायी. कार्यक्रम का आयोजन डॉ रामदयाल मुंडा पार्क में किया गया. समिति अध्यक्ष अजय तिर्की ने पद्मश्री डॉ रामदयाल की प्रतिमा पर फूल-माला चढ़ा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में मुख्य रूप से समिति के विधिक सलाहकार किशोर लोहरा, सचिव रवि खलखो, संजय लोहरा, कार्यालय सचिव अशोक लोहरा और समाज के वरिष्ठ जयंत कच्छप, अनिल उरांव, मुन्ना मिंज, सचिन कच्छप, रोहित बड़ा आदि शामिल हुए.
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हमें अपनी संस्कृति को जिंदा रखने की जरूरत
वहीं केंद्रीय सरना समिति बबलम मुंडा गुट ने भी पद्मश्री रामदयाल मुंडा की जयंती मनायी. इस अवसर पर मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि रामदयाल मुंडा के पदचिह्नों पर चलते हुए हमें अपनी संस्कृति को जिंदा रखने की जरूरत है. अपनी भाषा, धर्म, संस्कृति और अखड़ा को पुनर्जीवित कर हम जनजातियों की नृत्य-संगीत को स्थापित रखने की जरूरत है.
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राज्यसभा सांसद भी रहे और पद्मश्री से भी नवाजे गये
समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि डॉ रामदयाल मुंडा 22 मार्च 2010 को राज्यसभा सांसद बने थे. उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. डॉ मुंडा अंतरराष्ट्रीय स्तर के भाषाविद् समाजशास्त्री और आदिवासी बुद्धिजीवी साहित्यकार थे. वह भारत के दबे कुचले समाज के स्वाभिमान थे. विश्व आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा शुरू करने में उनका योगदान अहम रहा.