Ranchi : झारखंड फुटबॉल की शान और देश के बड़े फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार 75 वर्षीय प्रभाकर मिश्रा ने शुक्रवार को अंतिम सांस ली. वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. वे अपने पीछे एक बेटा और पत्नी को छोड़ गये हैं. प्रभाकर ने फुटबॉल में बिहार और देश का नाम रौशन किया, लेकिन उनकी जिंदगी का अंतिम समय अभाव भरा रहा. 1952 में जन्में प्रभाकर मिश्रा बचपन से ही फुटबॉल के दीवाने थे. उन्हें यह खेल विरासत में मिली, क्योंकि उनके पिता और दादा दोनों फुटबॉल खिलाड़ी थे. प्रभाकर मिश्रा ने 1966 से फुटबॉल खेलना शुरू किया और देखते ही देखते बिहार फुटबॉल टीम के अहम हिस्सा हो गये. उन्होंने 1976 से लेकर 1982 तक बिहार फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया. दो साल तक बिहार फुटबॉल टीम के कप्तान भी रहे. वर्ष 1976 में बांग्लादेश के ढाका में आगा खां गोल्ड कप खेला. 1977 में उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका मिला. प्रभाकर मिश्रा 1976 संतोष ट्रॉफी टूर्नामेंट में थर्ड टॉप स्कोरर रहे. उस टूर्नामेंट में उन्होंने 6 गोल दागे थे और बिहार (अब झारखंड) का नाम विश्व के मानचित्र पर लहराया था.
कई खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफॉर्म दिलाया
प्रभाकर मिश्रा ने 1975 में एचईसी ज्वाइन किया. लेकिन पूरी जिदंगी फुटबॉल के लिए अपने को न्योछावर कर दिया. वर्ष 2002 में एचईसी से रिटायर हुए. 1966 में मुंगेर (बिहार) से फुटबॉल की शुरुआत करने वाले मिश्रा बिहार में 74 से 83 तक फुटबॉल खेला और युवाओं में जोश भर कर कई खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफॉर्म दिलाया. उनकी कोचिंग में कई खिलाड़ियों ने अपना लंबा सफर फुटबॉल में तय किया. प्रभाकर मिश्रा राज्य की फुटबॉल टीम की सेलेक्शन कमेटी में भी रहे. 2 वर्ष तक रांची से इंटर स्टेट फुटबॉल टीम का सेलेक्शन करवाते रहे. उन्होंने वर्ष 1978 से 80 तक हैदराबाद के महान फुटबॉल खिलाड़ी जॉन विक्टर को संयुक्त बिहार के समय रांची में बुलवाया था और यहां होनहार खिलाड़ियों के चयन उनके बेहतर प्रशिक्षण का जिम्मा भी सौंपा. छोटानागपुर एथलेटिक्स एसोसिएशन (सीएए) के लाइफ मेंबर रहे प्रभाकर ने रांची फुटबॉल को बहुत कुछ दिया. उन्होंने कई ऑफिशियल व क्लब में कोचिंग भी दी. सीएए के महासचिव आसिफ नईम ने कहा कि उनका निधन फुटबॉल जगत खासकर रांची के लिए एक बहुत बड़ा धक्का लगा है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती.
प्रभाकर मिश्रा की उपलब्धि
- 1966- मुंगेर से फुटबॉल खेलना शुरू किया
- 1968- भागलपुर यूनिवर्सिटी से खेले
- 1972- कोलकाता में फुटबॉल खेला
- 1973- मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब से खेला
- 1974- बांग्लादेश में खेला
- 1975- एरियंस क्लब के लिए खेला
- 1977- भारतीय टीम के लिए खेला
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