LagatarDesk : महंगाई को लेकर सरकार और जनता दोनों के लिए राहत भरी खबर है. जून के मुकाबले जुलाई में महंगाई दर घटी है. यानी इस बार भी महंगाई दर आरबीआई के दायरे में रही. जुलाई में खुदरा महंगाई दर 5.59 फीसदी रही. जून यह 6.26 फीसदी और मई में 6.30 फीसदी रही थी. सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एनएसओ) ने इसकी जानाकारी दी. बता दें कि महंगाई दर लगातार पांच महीने तक आरबीआई के दायरे में रही. मई और जून में खुदरा महंगाई दर ने 6 फीसदी को पार कर गयी थी. हालांकि जुलाई में एक बार फिर से यह 6 फीसदी के दायरे में रही.
खाद्य महंगाई दर में आयी गिरावट
बता दें कि खाद्य महंगाई दर में गिरावट आने के कारण खुदरा महंगाई दर भी घटी है. जुलाई में खाद्य महंगाई दर घटकर 3.96 रहा. यह जून में 5.15 फीसदी था. वहीं कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित इंफ्लेशन जुलाई 2020 में 6.73 फीसदी थी. जबकि जून 2021 में यह 6.26 फीसदी रही थी.
Retail inflation at 5.59% in July 2021 as compared to 6.26% in June 2021: Ministry of Statistics & Programme Implementation pic.twitter.com/u1Im38daOg
— ANI (@ANI) August 12, 2021
2021-22 में 5.7 फीसदी रहेगी महंगाई दर
आरबीआई ने अगस्त के पहले सप्ताह में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक की थी. रिजर्व बैंक ने एमपीसी की बैठक में अनुमान जताया था कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में महंगाई दर 5.7 फीसदी रहेगी. इससे पहले आरबीआई का अनुमान था कि यह 5.1 फीसदी रहेगी.
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महंगाई को लेकर आरबीआई ने लगाया अनुमान
आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में मंहागाई दर 5.9 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहेगी. वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 के लिए यह अनुमान 5.1 फीसदी रखा गया है.
आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य रखा 4 फीसदी
रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. इसमें 2 फीसदी का मार्जिन दिया गया है. यानी उच्चतम 6 फीसदी और न्यूनतम 2 फीसदी की महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे में आती है. अगर महंगाई दर इससे पार होती है तो सरकार और आरबीआई दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
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कोरोना के कारण आर्थिक सुधार को लगा धक्का
कोरोना की दूसरी लहर के कारण आर्थिक सुधार को गहरा धक्का लगा है. जून में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ (आईआईपी) रेट 13.6 फीसदी रहा. मई में यह 29.3 फीसदी रही थी. मई की तुलना आईआईपी में भारी गिरावट है. एनएसओ द्वारा जारी डेटा के अनुसार, जून में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 13 फीसदी की तेजी आयी है. माइनिंग आउटपुट में भी 23.1 फीसदी का उछाल आया है. वहीं पावर जेनरेशन में 8.3 फीसदी की वृद्धि हुई है. माइनिंग में ग्रोथ रेट 23.1 फीसदी, प्राइमरी गुड्स आउटपुट में 12 फीसदी, कैपिटल गुड्स आउटपुट 25.7 फीसदी रहा.