छात्राओं ने दूसरे दिन भी नहीं लिया कमरा
Ranchi : रिम्स में मारपीट की घटना के बाद हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में डेंटल के छात्र-छात्राओं को हॉस्टल अलॉट किया जा रहा है. छात्राओं का कहना है कि उनके साथ हॉस्टल आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है. उन्हें फाइनल ईयर एमबीबीएस छात्राओं की तरह ही सिंगल कमरा दिया जाना चाहिए. पर प्रबंधन का साफ कहना है कि उन्हें सिंगल कमरा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि डेंटल की छात्राओं के लिए सिर्फ एक हॉस्टल ही आवंटित है. वहीं छात्राओं ने बताया कि डीन वेलफेयर का कहना है कि उन्हें खुद की तुलना एमबीबीएस छात्राओं से नहीं करनी चाहिए. उनकी बात अलग है. नाम नहीं छापने की शर्त पर छात्राओं ने बताया कि उन्हें कहा गया कि उन्हें तो पारामेडिक्स के जैसा कैंपस से बाहर रखना चाहिए था. वहीं डीन वेलफेयर डॉ शिव प्रिये ने बताया कि वे पूरी तरह से गलत बोल रही हैं. सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा बोला गया है. अगर भेदभाव होता तो उन्हें यहां साथ में नहीं रखा जाता.
छात्राएं बोली – मांगें नहीं मानी गई तो नहीं लेंगे हॉस्टल
छात्राओं का कहना है कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वे कमरा नहीं लेंगी. रिम्स के पास पर्याप्त संख्या में कमरा है, जहां हमें रखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जिस हॉस्टल को डेंटल के लिए दिया जा रहा है, वहां कमरों की संख्या बहुत कम है. वहीं डीन वेलफेयर का कहना है कि कमरों का आकार बड़ा है. तीन लोगों को रखा जा सकता है. पर सिर्फ दो लोगों को रहने के लिए कहा जा रहा है. जो नियम है, उसी आधार पर ही किया जा रहा है.
सबकुछ एक जैसा, तो फिर भेदभाव क्यों
छात्राओं का कहना है कि हमने एमबीबीएस छात्रों की तर्ज पर ही बीस-बीस लाख रुपए का बांड भरा है. फीस भी एक जैसा भरा जाता है. हॉस्टल फीस भी एक समान है. इसके बाद भी हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
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