Ranchi: कांके अंचल कार्यालय से महज चंद कदम की दूरी पर जुमार नदी को भरकर रिवर व्यू प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा था. लगातार की टीम ने इस खबर को सबसे सामने लाने का काम किया. खबर पर संज्ञान लेते हुए रांची प्रशासन ने जांच करायी. जांच में लगातार की खबर पुख्ता निकली.
जिसके बाद रिवर व्यू के प्रमोटर कमलेश कुमार के नाम पर दो केस कांके थाना में दर्ज हुआ. हालांकि अभी तक कमलेश कुमार पर किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई रांची पुलिस की तरफ से नहीं की गयी है. वहीं रिवर व्यू प्रोजेक्ट में कांके सीओ अनिल कुमार की भी संलिप्तता सामने आयी है. एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार इनपर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी. लेकिन अभी तक कांके सीओ पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कांके सीओ अनिल कुमार के पास कौन सा वरदहस्त प्राप्त है कि तीन अनुसंशाओं के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.
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रांची प्रशासन ने कार्रवाई की अनुसंशा
सबसे पहले लगातार की खबर को आधार मान कर रांची डीसी ने अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच करायी. जांच में यह बात सामने आयी है कि रिवर व्यू प्रोजेक्ट डेवलप करने में कांके सीओ का संरक्षण प्रमोटर कमलेश कुमार को मिल रहा था.
कमलेश कुमार को मिले संरक्षण की ही वजह से उसने जुमार नदी को भर करीब 25 एकड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया था. अपर समाहर्ता की रिपोर्ट पर रांची डीसी ने भू-राजस्व विभाग को कांके सीओ पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की.
भू-राजस्व विभाग ने कार्मिक से की अनुशंसा
रांची डीसी की कांके सीओ पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया था. जिसका बाद विभाग की तरफ से मामले की जांच की गयी. जांच में कांके सीओ अनिल कुमार की संलिपत्ता सामने आयी. जिसके बाद भू राजस्व विभाग ने कार्मिक विभाग को कांके सीओ अनिल कुमार पर कार्रवाई करने की अनुसंशा की.
कार्मिक ने भी कार्रवाई को लिखा, सीएम के टेबल पर फाइल
कार्मिक विभाग ने भू राजस्व विभाग की अनुसंशा के बाद कांके सीओ, सीआई और राजस्व कर्मी पर कार्रवाई के लिए फाइल आगे बढ़ा दी. एक महीने से ज्य़ादा होने को है. लेकिन अभी तक फाइल वापस कार्मिक के पास नहीं लौटी है.
फाइल सीएम के टेबल पर एक महीने से पड़ी हुई है. इस बीच सीएम की तरफ से रिवर व्यू मामले की एसीबी जांच की अनुसंशा कर दी गयी है. एसीबी की तरफ से जांच की प्रक्रिया हो रही है.
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