NewDelhi : अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद कहा कि हमारा डीएनए एक ही है, केवल ईश्वर की पूजा करने का हमारा तरीका अलग है. इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता भी बताया और कहा कि आरएसएस प्रमुख ने उनके निमंत्रण पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया था और वहां बच्चों के साथ बातचीत की थी. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, हम सभी मानते हैं कि राष्ट्र पहले आता है,
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों मुस्लिम नेताओं, धर्मगुरुओं से मिल रहे हैं. इस क्रम में मोहन भागवत गुरुवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे. खबरों के अनुसार उन्होंने यहां डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी के अलावा मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की. बता दें कि इलियासी अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम हैं.
Delhi | RSS chief Mohan Bhagwat held a meeting with Dr Imam Umer Ahmed Ilyasi, Chief Imam of All India Imam Organization, at Kasturba Gandhi Marg mosque today pic.twitter.com/vxfo0IPsMa
— ANI (@ANI) September 22, 2022
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भागवत ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बंद कमरे में बैठक की
इससे पूर्व भी भागवत ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बंद कमरे में बैठक कर उनसे गोहत्या पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था. खबर है कि उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ काफिर (गैर-आस्तिक) और जिहाद (पवित्र युद्ध) जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाये. सुझाव दिया कि इनके प्रयोग से बचना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम नेताओं पर तंज कसा
असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम नेताओं पर तंज कसा है. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा है कि आरएसएस प्रमुख से मिलने वाले मुस्लिम नेता कुलीन (एलीट) हैं और उनका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में ये बात कही.
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आरएसएस प्रमुख को मुस्लिम समुदाय में भय की बढ़ती भावना से अवगत कराया
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ( जिसने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर पर की गयी टिप्पणी के मद्देनजर बैठक बुलाने को कहा था) ने आरएसएस प्रमुख को हाल के दिनों में समुदाय में भय की बढ़ती भावना से अवगत कराया. बैठक को लेकर आरएसएस के एक सूत्र ने कहा कि 75 मिनट की बातचीत में भाईचारे को बढ़ावा देने और धार्मिक समावेशिता के विषय को बढ़ावा देने के तरीके तलाशे गये.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहने पर उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है
बैठक में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट-जनरल जमीर उद्दीन शाह (सेवानिवृत्त), राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी शामिल थे. बैठक में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहने पर उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है.
कुरैशी और सिद्दीकी के अनुसार बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. सिद्दीकी ने जानकारी दी कि बैठक के बाद, भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में रहने के लिए चार वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया. कहा कि अपनी तरफ से हम मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों और पेशेवरों तक पहुंच रहे हैं ताकि आरएसएस के साथ इस संवाद को जारी रखा जा सके.