मुझे इतना पढ़ाने के लिए सबको धन्यवाद, अब मुझसे नहीं हो पा रहा
Ranchi : जमशेदपुर के रहनेवाले बीआईटी के छात्र सौरभ सुमन ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले उसने एक कागज के टुकड़े पर सुसाइड नोट लिख छोड़ा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. सुसाइड नोट में लिखा था-थैंक्यू पापा, थैंक्यू मम्मी, थैंक्यू प्रिंस चाचू… मुझे इतना सपोर्ट करने के लिए, इतना पढ़ाने के लिए. अब मुझसे नहीं हो पा रहा है.पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में लिखी बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई ढंग से नहीं कर पा रहा था. या उस पर जबरन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दबाव डाला जा रहा था. पढ़ाई का दबाव नहीं झेल पाने के कारण ही उसने कॉलेज के हॉस्टल में फंदे से झूल कर जान दे दी. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजन रो-रो कर कह रहे थे. सौरभ ये तुमने क्या कर लिया. क्यों पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़ कर चला गया. पढ़ाई को लेकर तुम्हे कोई शिकायत थी, तो तुमने पहले क्यों नहीं बता. मां रो-रो कर कह रही थीं- बेटा अब हम किसके सहारे जीएंगे, हमें कौन देखेगा.
सुबह हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला शव, कैंपस में फैली सनसनी
सौरभ सुमन राजधानी देश के प्रतिष्ठित संस्थान बीआईटी मेसरा का स्टूडेंट था. वह इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन के सेकेंड ईयर का छात्र था और संस्थान के हॉस्टल नंबर 10 के कमरा नंबर 391 में रह कर पढ़ाई कर रहा था. उसका शव गुरुवार की सुबह उसके कमरे में पंखे से फंदे के सहारे लटकता मिला. खबर फैलते ही पूरे कैंपस में सनसनी फैल गयी. संस्थान के छात्र, शिक्षक सहित अन्य स्टाफ हॉस्टल नंबर 10 पहुंचे और मामले की जानकारी ली. इस बीच किसी ने फोन पर मेसरा थाना पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही मेसरा थानेदार सुमित कुमार टीम के साथ स्पॉट पर पहुंचे. शव को फंदे से उताराने के बाद पंचनामा तैयार पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया गया. सौरभ के परिजनों को भी घटना की जानकारी दे दी गयी.
दोस्तों से कहा करता था- काफी प्रेशर है, खुद को मिटा लेगा
सौरभ सुमन जमशेदपुर की टेल्को कॉलोनी का रहने वाला था. सौरभ के कुछ दोस्तों ने दबी जुबान से बताया कि बीते सेमेस्टर में उसे दो-तीन सब्जेक्ट में बैक लग गया था, जिससे वह काफी तनाव में रह रहा था. दोस्तों से कहा करता था कि काफी प्रेशर है, अब उससे नहीं हो पा रहा है. वह खुद को मिटा लेगा. लेकिन दोस्त हमेशा उसका हौसला बढ़ाते थे. पढ़ाई में सहयोग भी करते थे. दोस्तों को लगता था कि तनाव की वजह से वह बहकी-बहकी बातें किया करता था. दोस्तों को भरोसा था कि उनके समझाने का असर सौरभ पर पड़ेगा और वह फिर से सामान्य हो पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेगा. लेकिन गुरुवार की सुबह उन्हें मनहूस खबर मिली. दोस्तों को भी भरोसा नहीं था कि सौरभ सचमुच अपनी इहलीला समाप्त कर लेगा.
जमशेदपुर से परिजन पहुंचे, सौरभ का शव देख दहाड़ें मार कर रोने लगे
जमशेदपुर से सौरभ के परिजन भी सूचना पाकर रांची पहुंचे और रिम्स गए, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव रखा हुआ था. पोस्टमार्टम रूप के बाहर शव देखते ही परिवार के सदस्य दहाड़ें मार कर रोने लगे. कहने लगे, सौरभ ये तुमने क्या कर लिया, तुम तो काफी बहादुर थे, दूसरों के सुख-दुख में खड़े रहते थे. तुम आत्महत्या नहीं कर सकते. पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, तो हमलोगों को बताते. ये तुमने ठीक नहीं किया. साथ आए लोग सौरभ के परिजनों को संभाल रहे थे. पुलिस की मौजूदगी में कागजी प्रक्रिया पूरी कर परिजन शव लेकर जमशेदपुर रवाना हो गए. देर शाम जमशेदपुर में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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