NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राज्य बोर्डों की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. बता दें कि SC ने सभी राज्य शिक्षा बोर्डों को निर्देश दिया कि वे 31 जुलाई तक 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित करें. साथ ही कोर्ट ने उन्हें 10 दिन में इंटरनल असेसमेंट स्कीम तैयार करने के लिए कहा है.
इससे पहले कोर्ट ने पूरे भारत में सभी राज्यों के बोर्डों के लिए असेसमेंट की एक जैसी स्कीम बनाने के संबंध में आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि राज्य और उनके बोर्ड अपनी नीति बनाने को स्वतंत्र और स्वायत्त हैं. इसलिए उनके अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे.
12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं
आंध्र प्रदेश में 12वीं की परीक्षा जुड़ी एक अन्य याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि आंध्र सरकार ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में परीक्षा कराने की बात कही है. इस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर एक भी बच्चे को कुछ हुआ, तो राज्य सरकार को इसका खामियाजा भुगताना पड़ेगा.
कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की भी मौत हुई है तो राज्य सरकार को एक करोड़ का मुआवजा चुकाना पड़ सकता है. कोर्ट ने आंध्र सरकार को कहा कि जब तक सभी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, वह राज्यों में 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं देगा.
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आंध्र सरकार से कोर्ट का सवाल
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि आपने जुलाई के आखिरी हफ्ते में इम्तिहान आयोजित करने की बात कही है. सबसे पहले तो स्थिति अनिश्चित है, आपने इम्तिहान करा भी लिया तो नतीजे कब तक दे पाएंगे? देश-विदेश के विश्वविद्यालय आपके नतीजों का इंतजार करेंगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि सामाजिक और शारीरिक दूरी के सिद्धांत का पालन करते हुए परीक्षा हॉल में 15 से 20 छात्रों को बिठाने के इंतजाम कैसे करेंगे. कोर्ट ने आंध्र के हलफनामे के हवाले से कहा कि आपके यहां कुल परीक्षार्थियों के लिए कम से कम 34,600 कमरों की जरूरत होगी, कैसे मैनेज करेंगे?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने याचिका लगाकर मांग की थी कि राज्य बोर्डों की 12वीं कक्षा की परीक्षा पर रोक लगायी जाये. याचिका लंबे समय से लंबित थी. इस दौरान कई राज्यों ने परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया. जान लें कि छह राज्यों में 12वीं की परीक्षा पहले ही हो चुकी हैं, सिर्फ आंध्र प्रदेश में जुलाई में परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की कि सभी परीक्षाओं को रद्द कर के असेसमेंट की एक जैसी स्कीम बनाने के संबंध में आदेश जारी किया जाये.
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CBSE भी 31 जुलाई को रिजल्ट जारी करेगा
पिछले सप्ताह CBSE बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के फॉर्मूले के बारे में जानकारी दी थी. बोर्ड के मसौदे के अनुसार 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड के परिणाम को फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जायेगा. बोर्ड ने 31 जुलाई को रिजल्ट जारी करने की बात कही थी. बता दं कि कोर्ट ने भी बोर्ड के मसौदे पर मुहर लगायी थी.