NewDelhi : अगर कोविड प्रोटोकॉल का ठीक तरह से पालन नहीं किया गया तो अक्टूबर-नवंबर में तीसरी लहर अपने पीक पर हो सकती है. हालांकि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में हर दिन आने वाले नये मामलों की संख्या आधी हो सकती है. कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी कर यह बात कही है. जान लें कि डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने पिछले साल कोरोना संक्रमण मामलों का अनुमान लगाने के लिए एक पैनल गठित किया था. यह पैनल मैथमेटिकल मॉडल के जरिए अनुमान लगाता है.
We have created three scenarios. One is optimistic one. In this, we assume that life goes back to normal by August, and there is no new mutant. Second is intermediate one. In this we assume that vaccination is 20% less effective in addition to optimistic scenario assumptions.
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) July 2, 2021
पैनल में मनिंद्र अग्रवाल, आईआईटी हैदराबाद के एम विद्यासागर, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की डिप्टी चीफ (मेडिकल) लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर भी शामिल हैं. श्री अग्रवाल का कहना है कि अगर कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया तो तीसरी लहर में संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल सकता है. उन्होंने य अनुमान सूत्र मॉडल के जरिए लगाया है.
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अगस्त तक सब नॉर्मल हो जायेगा नया Mutant नहीं आयेगा
इस पैनल की मानें तो अक्टूबर-नवंबर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का पीक हो सकता है. मनिंद्र अग्रवाल ने ट्वीट किया, हम तीन सीनेरियो मानकर चल रहे हैं. पहला आशावादी है, जिसमें हम मान रहे हैं कि अगस्त तक सब नॉर्मल हो जायेगा और कोई नया म्यूटेंट (Mutant) नहीं आयेगा. दूसरा जिसमें हम यह मान रहे हैं कि वैक्सीनेशन 20फीसदी कम प्रभावी होगा. और तीसरा यह कि एक नया वैरिएंट आ सकता है जो 25 फीसदी ज्यादा संक्रामक होगा.
हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ये डेल्टा प्लस (Delta Plus) नहीं होगा. मनिंद्र अग्रवाल ने ग्राफ शेयर किया है, उसके अनुसार अगस्त के दूसरे हफ्ते से दूसरी लहर का ग्राफ गिरता जायेगा और अक्टूबर-नवंबर में तीसरी लहर का पीक हो सकता है. जैसे-जैसे टीकाकरण अभियान आगे बढ़ेगा, तीसरी या चौथी लहर की आशंका कम होती जायेगी.
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तीसरी लहर में 1.5 से 2 लाख तक आ सकते हैं नये मामले
वैज्ञानिकों के अनुसार तीसरी लहर में हर दिन 1.5 से 2 लाख के बीच कोरोना के नये केस आ सकते हैं. यह दूसरी लहर के पीक से आधा होगा. दूसरी लहर के दौरान सात मई को 4.14 लाख केस दर्ज किये गये थे. मनिंद्र अग्रवाल का कहना है कि अगर कोई नया वैरिएंट आता है तो तीसरी लहर ज्यादा तेजी से फैल सकती है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) की रफ्तार तीसरी और चौथी लहर की संभावनाओं को कम कर सकती है. अगर हम आशावादी रहें तो मानकर चल सकते हैं कि तीसरी लहर में हर दिन 50 हजार से 1 लाख के बीच केस आ सकते हैं.
यूके में जनवरी में हर दिन 60 हजार से ज्यादा नये केस
पैनल के अन्य सदस्य एम विद्यासागर ने यूके का उदाहरण देते हुए कहा, तीसरी लहर में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम हो सकती है. यूके में जनवरी में हर दिन 60 हजार से ज्यादा नये केस और 1,200 से ज्यादा मौतें हो रही थीं. लेकिन चौथी लहर में नये केस की संख्या कम होकर 21 हजार और मौतों की संख्या 14 पर आ गयी. कहा कि यूके में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आने में वैक्सीनेशन की बड़ी भूमिका है.