Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट में भवन निर्माण विभाग के सचिव सशरीर उपस्थित हुए. शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें उपस्थित होने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान अदालत ने उपस्थित अधिकारियों से पूछा कि गिरिडीह और लातेहार जिले में कितने जूनियर इंजीनियर हैं और ये अधिकारी कब से जमे हुए हैं. इसके साथ ही अदालत ने पूछा कि हाईकोर्ट को नये भवन में कब तक शिफ्ट किया जायेगा.
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जिला अदालतों में बिल्डिंग की स्थिति खराब
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि कई जिला अदालतों में बिल्डिंग की स्थिति खराब है. कई न्यायिक अधिकारियों के घर की छत गिरने की स्थिति में है, लेकिन विभाग को बार-बार कहने पर भी मेंटेनेंस का काम नहीं हो रहा है. वही अदालत ने भवन निर्माण विभाग के सचिव को यह भी कहा कि अगर कोर्ट से कोई नोटिस जाता है तो उसे ठंडे बस्ते में नहीं डाला जाना चाहिए.
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इंजीनियरों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की
अदालत ने विभाग के इंजीनियरों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह जानकारी मांगी है कि राज्य के सरकारी इंजीनियर कितने वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने अदालत में पक्ष रखा. वही प्रार्थी अधिवक्ता हेमंत शिकरवार ने जनहित याचिका पर बहस की. यह मामला झारखंड हाईकोर्ट समेत राज्य की अन्य अदालतों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था. अब अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 7 नवंबर को करेगा.
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