Ranchi : झारखंड Highcourt में शुक्रवार को अवमानना से जुड़े मामले में स्कूली शिक्षा सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए. वहीं राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि विभाग द्वारा अदालत के आदेश का अनुपालन कर लिया गया है और इससे संबंधित एफिडेविट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है.
इस पर Highcourt ने मौखिक रूप से कहा कि सचिव स्तर के अधिकारियों को कोर्ट बुलाना अदालत को भी अच्छा नहीं लगता. कोर्ट को पता है कि सचिव स्तर के पदाधिकारियों की व्यवस्था होती है.
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Highcourt में पूर्व की सुनवाई में सचिव से पूछे गए थे कई सवाल
बता दें कि Highcourt में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव से पूछा था कि कोर्ट के आदेश अनुपालन अब तक क्यों नहीं किया गया है? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि इस मामले को स्कूली शिक्षा विभाग जानबूझकर लटका रहा है. जिसके बाद अदालत ने नाराजगी जताते हुए विभाग की ओर से दाखिल शपथ पत्र को भी खारिज कर दिया और स्कूली शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना चलाने का आदेश दिया था.
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रवि उरांव ने बर्खास्तगी को लेकर गुहार लगाई थी
दरअसल धनबाद के प्राथमिक शिक्षक रवि उरांव को विभाग ने यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया था कि उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी है. अपनी बर्खास्तगी को रवि उरांव ने Highcourt में चुनौती देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया था जिसके बाद सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ सरकार खंडपीठ में चली गई.
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