Imphal : जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा बलों को अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचित 19 थाना क्षेत्रों में काम करने में कठिनाई आ रही है और वे अपनी जिम्मेदारी निभाने के समय एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी की मांग कर रहे हैं ताकि झूठे आरोपों से बच सकें. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मणिपुर में कुल 19 थानों को सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा), 1958 के अधिकार क्षेत्र से हटा दिया गया है. यह कानून सेना को संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में अत्यधिक अधिकार और दंडाभाव प्रदान करता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#CORRECTION | An ANI story, “Manipur violence: Indigenous Tribal Leader Forum extends apology to Kuki Zo people for “misguidance, conflict with Meitei people” has been retracted as the source of the press release is questionable. Error regretted. pic.twitter.com/D7hwlQrtnX
— ANI Digital (@ani_digital) July 12, 2023
सुरक्षा बलों पर सोशल मीडिया, स्थानीय मीडिया पर निराधार आरोप लग रहे हैं
शुरू में, अप्रैल 2022 में 15 थानों को अफस्पा के दायरे से हटाया गया था, वहीं चार अन्य को इस साल मार्च में हटाया गया. ये क्षेत्र मुख्य रूप से इंफाल घाटी में हैं, जबकि यह कानून इस साल अप्रैल से अगले छह महीने तक राज्य के अन्य हिस्सों में प्रभावी रहेगा. अधिकारियों ने दावा किया कि सुरक्षा बलों पर सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया पर निराधार आरोप लग रहे हैं. उन्होंने मणिपुर बार एसोसिएशन के हालिया बयान पर चिंता जताई है जिसमें आम जनता से कथित अत्याचारों के सबूत साझा करने के लिए कहा गया है.
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष युमनम निमोलचंद ने रविवार को प्रेस वार्ता के दौरान, जनता से आग्रह किया कि वे सुरक्षा बलों के खिलाफ अपनी शिकायतों के समर्थन में उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन मणिपुर या ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन को दस्तावेज, तस्वीरें या अन्य सामग्री सहित कोई भी उपलब्ध साक्ष्य प्रदान करें.
दो समुदाय एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं
अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा माहौल में जहां दो समुदाय एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, उन्हें अपना बचाव करने के लिए एक वकील भी नहीं मिल सकता है क्योंकि सभी अदालतें इंफाल घाटी के भीतर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम मुख्य रूप से सेना, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और बीएसएफ के खिलाफ है. इस बीच सेना और असम राइफल्स ने राज्य सरकार से कहा कि वे मजिस्ट्रेट की मौजूदगी होने पर ही क्षेत्र में जायेंगे.