Lagatar Desk: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद उत्तर प्रदेश का पश्चिमी इलाका किसान आंदोलन का नया केंद्र बनता जा रहा है. 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी भी शामिल हुए. किसानों ने कहा कि महापंचायत के बाद सभी किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिये कूच करेंगे.
खबरों के मुताबिक महापंचायत में किसानों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. शहर की सड़कें जाम हो गई. तब किसान ट्रैक्टर छोड़ कर पैदल ही महापंचायत की तरफ बढ़ गये. किसानों की भीड़ को देखते हुए मुजफ्फरनगर बाजार बंद हो गया और शहर के तीनों थानों में तालाबंदी कर दी गई. थानों में तालाबंदी पुलिस के जवानों ने ही डर की वजह से की. मंडी कोतवाली थाना में बकायदा हड़कड़ी लगाकर बंद कर दिया गया.
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राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित महापंचायत में नरेश टिकैत ने चेतावनी दिया कि दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसी किसान को खरोंच भी आयी, तो सरकार को सैंकड़ों लाशों के ढेर पर से गुजरना पड़ेगा.
मेरठ, जिसे जाटलैंड भी कहा जाता है. यहां पर भी किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनने की आशंका है. बुलंदशहर, हापुड़, शामली, सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद के किसान भी आक्रोशित हो रहे हैं. किसान नेता मनोज त्यागी ने मीडिया से कहा है कि किसान अपने हक के लिये लड़ता रहेगा. आंदोलन को और मजबूती से चलाया जायेगा. यूपी सरकार किसानों को कुचलने का काम कर रही है. किसान अब इसका जवाब देने के मूड में हैं.
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पश्चमी उत्तर प्रदेश के ही बागपत से खबर है कि इलाके के हजारों किसान आंदोलन के ससमर्थन में आ गये हैं. किसानों ने कहा है कि अब योगी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई होगी.