Anant Das
Bermo : आत्महत्या के कई वजह हो सकते हैं जैसे पारिवारिक कलह, अवसाद, बेरोजगारी, आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्या समेत अन्य. बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में विगत दो माह के दौरान 7 लोगों ने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. आत्महत्या के कई मामलों में से दो मामलों में एक पति-पत्नी और दूसरा मां-बेटी है. दोनों मामलों में शव फंदे से लटकता मिला था. दोनों घटनाओं की जांच पुलिस कर रही है. हो सकता है पुलिस जांच में खुदकुशी का वजह और भी कुछ सामने आए, लेकिन आसपास के लोगों का मानना है कि दोनों मामले पारिवारिक कलह से जुड़ा है.
खुदकुशी के अन्य मामले में 2 जनवरी को चंद्रपुरा थाना क्षेत्र के घटियारी ग्राम निवासी रामेश्वर मुर्मू (55) का शव रेल पुलिस ने पेड़ से लटकता बरामद किया था. 3 जनवरी को बेरमो थाना क्षेत्र के फुसरो सिंह नगर निवासी सूरज कुमार (25) का भी शव घर में ही फंदे से झूलता मिला था. 10 जनवरी को नावाडीह थाना क्षेत्र के बाराडीह ग्राम निवासी दुलारचंद साव (17) का शव घर पर ही फंदे पर लटकता मिला था. 11 जनवरी को चंद्रपुरा स्टेशन रोड में विक्की पूजा भंडार के मालिक अशोक कुमार वर्णवाल (65) और उसकी पत्नी आशा देवी (68) ने अपने दुकान में पंखे से लटककर खुदकुशी की. 11 जनवरी को फुसरो के ढ़ोरी स्टॉफ क्वार्टर में सूरज पंडित का शव घर में फंदे से लटकता पुलिस ने बरामद किया. 11 फरवरी को गोमिया थाना क्षेत्र के गैरवाड़ी ग्राम निवासी लक्ष्मी देवी (45) और उसकी बेटी पम्मी कुमारी (17) का शव घर में ही फंटे से लटकता मिला.
उपरोक्त खुदकुशी का वजह मृतक और मृतका के पड़ोसियों ने पारिवारिक कलह और अवसाद को माना है. बोकारो सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक प्रशांत कुमार मिश्र का कहना है कि ज्यादातर मामलों में तनाव, आर्थिक संकट और टूटता परिवार आत्महत्या का वजह है. वैसे उन्होंने सोशल मीडिया की लत, नशा, परिवार का दवाब, चाइनीज फूड का ज्याद सेवन को भी आत्महत्या का वजह माना है. चाइनीज फूड में एक प्रकार की रसायन का उपयोग किया जाता जो सेहत के लिए खतरनाक है. उसके सेवन से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
उन्होंने बताया कि आत्महत्या से पहले व्यक्ति में लक्षण दिखने लगता है. परिवार के सदस्य उन लक्षणों पर गौर नहीं करते, जिस वजह से व्यक्ति खुदकुशी कर लेते हैं. उन लक्षणों पर गौर करके व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचाया जा सकता है. कम उम्र के बच्चे को नशे का लत लगना भी आत्हत्या का कारण बनता है. बच्चे अपनी आकांक्षाओं से तारतम्य नहीं बैठा पाते, इस वजह से दिनों दिन सहनशीलता कम होती जाती है और बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं. वैसे बच्चों से अभिभावक को सहानुभूतिपूर्वक पेश आना चाहिए तथा मनोवैज्ञानिकों से सलाह लेनी चाहिए. बच्चों के आत्महत्या का वजह माता-पिता से प्यार की कमी, माता-पिता को अपने बच्चों को समय नहीं दे पाना समेत अन्य कारण हो सकते हैं. बच्चों में भी आत्हत्या के लक्षण पहले दिखने लगते हैं जैसे- बात-बात पर गुस्सा आना, बात सहने की क्षमता का ह्रास, चिरचिरापन, नींद की कमी समेत अन्य लक्षण. बच्चों में यह लक्षण दिखने पर माता-पिता को बच्चों के प्रति सहानुभूति बरतनी चाहिए.
Edited by Baidyanath Jha
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