Ranchi : राजधानी रांची में सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम का काम फिर से शुरू करवाने के लिए नया प्रस्ताव, रिवाइज तैयार हुआ है. नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा है. नये प्रस्ताव को सरकार की हरी झंडी मिल जाती है. तब प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. रिवाइज प्रस्ताव सीवरेज सिस्टम से संबंधित है. इसमें ड्रेनेज के कार्यों को शामिल नहीं किया गया है. नये प्रस्ताव के तहत बनने वाले डीपीआर में 100 करोड़ से ज्यादा की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है.
नगर निगम रांची के इंजीनियरों की मानें, तो सिवरेज का काम मात्र 37 फीसदी ही हुआ है. जिसपर अभी तक 85 करोड़ खर्च हो चुके हैं. यह प्रोजेक्ट 357 करोड़ में पूरा होना था. लखनऊ की कंपनी ज्योति बिल्डटेक को निर्माण कार्य सौंपा गया था. रांची के जोन-1 के तहत कुल 9 वार्ड में सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम तैयार करना था. इसके लिए शहर को 4 जोन में बांटकर एक समेकित ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम बनाने का निगम का प्लान 12 साल पहले ही बना था.
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सरकार बदलते ही फाइल में सिमट गयी थी योजना
रांची शहर को चार जोन में बांटकर सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम का डीपीआर तैयार किया गया था. जोन-1 के 9 वार्डों में दिसंबर 2017 तक काम पूरा हो जाना था. मगर 50% काम भी पूरा नहीं हो सका. काम करने वाली कंपनी का एक्सटेंशन खत्म हो गया. जिसके बाद यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया. वर्ष 2007 में मैनहर्ट के डीपीआर को रिवाइज्ड कराने की पहल शुरू हुई थी. नई सरकार के आने के बाद यह प्रोजेक्ट फाइलों में सिमट गया था. मगर फिर से सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट को शुरू करने की कवायद तेज हुई है.
करोड़ों खर्च का लाभ नहीं मिला नौ वार्ड के लोगों को
रांची नगर निगम के जोन-1 में शहर के 9 वार्ड हैं. जहां सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट का काम आधा अधूरा ही हुआ है. वार्ड नंबर-1 से 5 और 30 से 33 के बजरा, पंडरा, पिस्कामोड़, बैंक कॉलोनी, रातू रोड, इन्द्रपुरी, अल्कापुरी, धोबी घाट, कांके रोड, मिसिर गोंदा, मोरहाबादी, बूटी बस्ती और बड़गाईं के कुछ क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछायी गयी है. लेकिन करोड़ों खर्च होने के बाद भी यहां के लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि अभी तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूरा नहीं हुआ है.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का नहीं हो सका है निर्माण
रांची नगर निगम के सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत लेम बस्ती में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, एसटीपी बनना है. अभी तक मात्र 45 फीसदी काम एसटीपी का हो पाया है. इस वजह से घरों को सीवर लाइन से जोड़ा नहीं गया. प्लांट तैयार होने के बाद ही सीवर लाइन से घरों को जोड़ा जाएगा. जिससे सीवरेज लाइन से एसटीपी प्लांट तक घरों से निकलने वाला गंदा पानी पहुंचेगा.
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