- 300 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रह रहे परिवार नवंबर से हटाए जाएंगे
- अतिक्रमणकारियों को आवास बोर्ड भेज चुका है 2-3 नोटिस
Ranchi : राजधानी के धुर्वा इलाके के आनि और भुसूर मौजा में 300 एकड़ में बने करीब 6000 अवैध मकानों पर बुलडोजर का साया मंडरा रहा है. नवंबर से इन अवैध मकानों को हटाने का सिलसिला शुरू होगा. पिछले तीन दशक में धुर्वा में एचईसी की जमीन पर मामा नगर, लंका कॉलोनी, जेपी मार्केट, मौसीबाड़ी, पटेल नगर समेत 16 अवैध कॉलोनियां बस चुकी हैं. जबतक यह जमीन एचईसी के पास थी अतिक्रमणकारियों को दिक्कत नहीं हुई, लेकिन जब झारखंड सरकार ने एचईसी से जमीन लेकर झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड को दे दिया है, तब से उनकी मुसीबत बढ़ गई है. आवास बोर्ड अतिक्रमणकारियों को अपनी जमीन से कब्जा हटाने के लिए अबतक 4 बार नोटिस भेज चुका है. अक्टूबर महीने में भी आवास बोर्ड ने कब्जाधारियों को नोटिस भेजा, जिसके बाद उनमें हड़कंप मचा हुआ है. वे लोग एकजुट होने लगे हैं. कई बैठकें भी हो चुकी है, जिसमें उन्होंने जमीन नहीं छोड़ने का फैसला लिया है.
आनि-भुसूर में 16 स्लम बस्तियां बस चुकी हैं
आवास बोर्ड ने जमीन पर कब्जा कर रह रहे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की है. इन 16 बस्तियों के लोगों को बसाने के लिए आनि और भुसूर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4400 फ्लैट बनाए जा रहे हैं. विभाग की टीम कई बार लोगों के पास आवास योजना का फॉर्म लेकर पहुंची. कई लोगों ने फॉर्म भर दिया, लेकिन अधिकांश लोगों ने फॉर्म भरा ही नहीं. लोगों का कहना है कि फ्लैट के लिए केंद्र और राज्य सरकार तो पैसे दे रही है, लेकिन लाभुक अंशदान भी देना पड़ेगा. घर लेने के लिए 8 से 9 लाख रुपये चुकाने होंगे. ठेला-खोमचा और खटाल चलाने वाले लोग आखिर इतना पैसा कहां से लाएंगे.
कहां कितने मकान हैं अवैध
आनि मौजा
बस्ती अवैध मकान
मुस्लिम बस्ती 106
थेथर कोचा 97
झांसी नगर 90
जेपी मार्केट 700
मौसीबाड़ी 1219
जगन्नाथपुर न्यू कॉलोनी 570
शिव मंदिर 127
भुसूर मौजा
मामा नगर 600
भुसूर कोचा 107
गंगा खटाल 12
पथर कोचा 186
लंका कॉलोनी 250
पटेल नगर 390
ए टाइप मदरसा 285
लीची बागान 53
न्यू एरिया गांधी नगर 22
सुंदरगढ़ 234
एक महीने के अंदर लोगों को कब्जा हटाना है- एमडी
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के एमडी अमित कुमार ने कहा कि एचईसी की जमीन को हाउसिंग बोर्ड ने लीज पर लिया है. हाउसिंग बोर्ड के सेक्रेटरी की ओर से इस जमीन पर कब्जा करके रह रहे लोगों को नोटिस भेजकर कब्जा हटाने को कहा गया है. एक महीने के अंदर मकान खाली करना है. अवैध मकानों की संख्या ज्यादा है, इसलिए एक-एक बस्तियों से कब्जा हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां से जिन लोगों को हटाया जाएगा, उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिया जाएगा. जो लोग सक्षम नहीं हैं, उन्हें बैंक से भी मदद दिलाई जाएगी.
कहां से लाएंगे 8 लाख रुपये- शिवदत्त ठाकुर
भुसूर मौजा में रहने वाले शिवदत्त ठाकुर कहते हैं कि वे 1985 से इस जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं. आवास बोर्ड का नोटिस मिलने के बाद पूरा परिवार परेशान है. नाई का काम करके जैसे-तैसे घर-परिवार चल रहा है. सरकार कहती है फ्लैट देंगे, लेकिन वहां घर लेने के लिए हमलोग 8 लाख रुपये कहां से लाएंगे.
दिसंबर में बेटी की शादी, नोटिस से पूरा परिवार परेशान है- कामेश्वर
मामानगर के रहने वाले कामेश्वर प्रसाद कहते हैं कि पिछले 3 दशक से यहां रह रहे हैं. एक खटाल है उसी से परिवार चलता है. दिसंबर में बेटी की शादी होने वाली है. उससे पहले नोटिस आ गया है. पूरा परिवार परेशान है. आखिर हमलोग करें तो क्या करें. सरकार गरीबी नहीं गरीबों को हटा रही है.
मेरे लिए मेरा घर ही स्वर्ग है, नहीं छोड़ेंगे- सुमन देवी
आवास बोर्ड की जमीन पर मकान बनाकर रह रही सुमन देवी के परिवार का गुजारा एक छोटे से दुकान से होता है. दो बेटे ड्राइवर हैं. कहती हैं – आवास बोर्ड से जो नोटिस मिला है, उसमें प्रतिदिन 20 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से जुर्माना मांगा गया है. हम गरीब लोग कहां से इतना पैसा लाएंगे. मेरे लिए मेरा घर ही स्वर्ग है. हमलोग इसे छोड़कर कहीं और नहीं जाएंगे.
जब हटाना था तो बसने ही क्यों दिया- विनिता कुमारी
विनिता कुमारी और उनका परिवार भी धुर्वा में 2006 से रह रहा है. विनिता कहती हैं कि हम अपना घर नहीं तोड़ने देंगे. सरकार 7-8 लाख रुपया लेकर घर देगी. अगर इतना पैसा होता तो हमलोग यहां क्यों रहते. जब हटाना था तो बसने ही क्यों दिया. हमें दूसरा घर नहीं चाहिए. हम यहीं रहेंगे.
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