- जांच रिपोर्ट आने के बाद शेल्टर होम्स के बकाये का होगा भुगतान – DCPO
- झारखंड अगेंन्स्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क का DCPO पर आरोप
- शेल्टर होम से सीडब्लूसी ने बच्चों को किया शिफ्ट
- डीसीपीओ ने मामले के बारे में सुनते ही काटा फोन
- 14 महीने से पेमेंट बकाया होने का है मामला
Ranchi: झारखंड अगेंन्स्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क ने रांची में बच्चों के लिए चलाये जा रहे शेल्टर होम के पेमेंट बकाये को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. नेटवर्क का कहना है कि 14 महीने से उन्हें पेमेंट नहीं किया गया है. मोरहाबादी में हुए घरना का समर्थन शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ ने भी किया था. धरना देने वालों ने बताया कि धरना के अगले दिन ही सीडब्लूसी ने बच्चों को दूसरे शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया.
संगठन और एनजीओ ने संयुक्त रुप से कहा कि शेल्टर होम पर झूठे आरोप लगाते हुए बच्चों को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसा करने का निर्देश रांची के जिला बाल संरक्षण ईकाई के डीसीपीओ ने दिया था. इसके साथ ही उन्हें उनका बकाया पेमेंट के भुगतान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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डीसी के निर्देश पर जांच टीम का गठन, रिपोर्ट आने पर होगा पेमेंट का भुगतान
मामले में रांची जिला बाल संरक्षण ईकाई के पदाधिकारी ने कहा कि उन शेल्टर होम्स को पहले पेमेंट दिया जा चुका था. हर चीज एक प्रक्रिया से गुजरती है. उनके पैसों के निकासी की प्रक्रिया जारी है. प्रक्रिया में डीसी को कुछ कन्फ्यूजन हुआ, जिसके बाद उन्होंने जांच बैठाई थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद उनकी सारी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके साथ ही बच्चों को शिफ्ट करने के मामले में उनसे पूछने पर उन्होंने जबाव देना उचित नहीं समझते हुए फोन काट दिया.
जानिये क्या है मामला
बीते 12 फरवरी को झारखंड अगेंन्स्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क और शेल्टर होम चलाने वाले एक एनजीओ ने रांची के जिला बाल संरक्षण ईकाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन का कारण पिछले 14 महीनों से शेल्टर होम का पैसा बकाया रखने का था. जिसपर उनका आरोप था कि यह हाल केवल रांची जिला का नहीं बल्कि पूरे राज्य का है. शेल्टर होम के संचालक कर्ज लेकर बच्चों का पालन-पोषण कर रही है. पैसे मांगने पर विभाग के अधिकारी टाल-मटोल करते है. जिसपर उन्होंने सरकार से मांग की थी कि वे इसपर संज्ञान ले और बच्चों के भविष्य के लिए एसजीओ का सहयोग करें.
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