Mumbai : शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना शिवसेना को अखर गया है. शिवसेना ने गुरुवार को दावा किया कि पार्टी पर निशाना साधने के लिए नारायण राणे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद् में शामिल किया गया है. ता दें कि 2005 तक नारायण राणे शिवसेना में ही थे लेकिन बाद में उनको पार्टी से निकाल दिया गया था. नारायण राणे ने इसके बाद कांग्रेसज्वॉइन की थी. 2017 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. 2019 में नारायण राणे भाजपा में शामिल हो गये.
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राणे ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली
उन्होंने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता अरविंद सावंत ने कहा कि राणे ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय का पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले महाराष्ट्र के सीएमं उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयान दिये. पूर्व केंद्रीय मंत्री सावंत ने कहा, राणे ने अपने मंत्रालय एमएसएमई सेक्टर के लिए वह क्या करने वाले हैं, इस बारे मेंकुछ नहीं कहा. राणे ने कथित तौर पर कहा कि शिवसेना का नेतृत्व करने वाले ठाकरे का दिल इतना बड़ा नहीं है कि उनके केंद्रीय मंत्री बनने पर वह उन्हें बधाई दें.
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सावंत ने कहा, हमने दो बार उन्हें विधानसभा चुनावों में हराया
सावंत ने आरोप लगाया कि उन्हें मंत्रिमंडल में केवल शिवसेना पर हमला करने के लिए शामिल किया गया है न कि कोई जिम्मेदारी निभाने के लिए. राणे के मंत्रालय पर सावंत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लिए यह सुधार है कि भारी से अब सूक्ष्म हो गया है. राणे द्वारा शिवसेना को कोई नुकसान पहुंचाये जाने के संबंध में सावंत ने कहा, हमने दो बार उन्हें विधानसभा चुनावों में हराया, एक बार उनके गढ़ मालवान (कोंकण क्षेत्र में) और फिर मुंबई (बांद्रा) के उपचुनाव में हराया है.
नया सहकारिता मंत्रालय बनाये जाने के बारे में सावंत ने कहा, केवल सहकारिता क्षेत्र का उत्पीड़न करने के लिए इसे बनाया गया है क्योंकि दूसरे राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में इसकी मजबूत मौजूदगी है. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन और खासकर राकांपा के नेता सहकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं. शिवसेना का आरोप, नारायण राणे को मंत्री बनाना महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के लिए
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