NewDelhi : यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गयी है. खबर है कि इसे लेकर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अटॉर्नी जनरल को कोर्ट में तलब किया है. कोर्ट में CJI ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि आखिर इस मामले में कोर्ट क्या कर सकता है? वैसे CJI ने बाद में इसे जरूरी मुद्दा करार दिया.
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Moldova/Romania बॉर्डर पर लगभग 250 छात्र फंसे
बता दें कि याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन के Moldova/Romania बॉर्डर पर लगभग 250 छात्र फंसे हुए हैं. कहा गया कि पिछले छह दिनों से वहां भारत की तरफ से कोई फ्लाइट नहीं गयी है. याचिका उन परिवारों द्वारा दायर की है जो यूक्रेन में फंसे हैं.
छात्रों के परिजनों की ओर से याचिका एडवोकेट एएम डार ने दायर की. CJI ने कहा कि मामले पर सुनवाई जरूरी है क्योंकि इसके लिए एडवोकेट (डार) कश्मीर से आये हैं.
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भारत सरकार अपना काम कर रही है
A lawyer approaches Supreme Court seeking directions to Govt of India for the evacuation of Indian students stranded in Ukraine.
A bench headed by CJI Ramana says that the Government of India is doing its work to evacuate Indians. pic.twitter.com/725FXLjlFA
— ANI (@ANI) March 3, 2022
याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि वहां(यूक्रेन) माइनस 7 तापमान है. SC भारतीय विदेश मंत्रालय को वहां फंसे लोगों को राहत मुहैया कराने का निर्देश दे. इस पर सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले में क्या कर सकते हैं? कल को आप कहोगे कि पुतिन को निर्देश जारी करें. सीजेआई ने कहा कि क्या हम पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कह सकते हैं? छात्रों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति और चिंता है. भारत सरकार अपना काम कर रही है.
जल्दी सुनवाई की गुहार पर सीजेआई जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हम अटॉर्नी जनरल को तलब कर रहे हैं. जब अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल कोर्ट में पेश हुए तो उन्होंने बताया कि फंसे छात्रों के मसले पर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों से बात की है.
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छात्र Odessa की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं
सुनवाई के क्रम में एडवोकेट डार ने बताया कि फंसे हुए छात्र Odessa की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं. कहा गया कि लगभग 250 छात्र हैं जो यूक्रेन का बॉर्डर क्रॉस नहीं कर पा रहे हैं. अटॉर्नी जनरल ने बताया कि भारत सरकार ने फंसे छात्रों को निकालने में मदद के लिए चार मंत्रियों को भी भेजा है, जिसमें एक मंत्री रोमेनिया भी गये हैं. कहा कि यूक्रेन की सीमा वे लोग क्यों पार नहीं कर पाये, यह क्रॉस चेक किया जाएगा क्योंकि यूक्रेन का कहना है कि वह सबको वहां से निकलने दे रहा है.