Ranchi: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान “रिम्स” में पिछले महीने 20 फरवरी की देर रात सिकल सेल एनीमिया के मरीज की खून के अभाव में मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप था कि रिम्स ब्लड बैंक की लापरवाही के कारण 12 वर्षीय रेशु महली की मौत हुई है. दरअसल रिशु सिकल सेल एनीमिया रोग से पीड़ित था. इस बीमारी के रोगी को समय पर खून नहीं मिलने पर उसकी मौत हो सकती है. परिजनों का आरोप था कि रिम्स के पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक तत्काल ए पॉजिटिव खून चढ़ाने की बात कह रहे थे. डिमांड लेटर में चिकित्सकों ने इमरजेंसी, फ्री और लाइफ सेविंग जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया था. बावजूद परिजन से खून के बदले डोनर की मांग की गई थी. इस प्रक्रिया में उलझने के कारण बच्चे की मौत हो गई थी.
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22 फरवरी को जांच कमिटी का किया गया था गठन
सिकल सेल एनीमिया पीड़ित बच्चे की मौत के मामले को लेकर रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिन्हा गंभीरता से लिया था. उन्होंने रिम्स अपर निदेशक के नेतृत्व में जांच कमिटी का गठन कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. रिपोर्ट के आलोक में रिम्स ब्लड बैंक के दो कर्मियों को 7 दिन के लिए निलंबित किया गया है.
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रिम्स अपर निदेशक वाघमारे प्रसाद कृष्ण के नेतृत्व में किया गया जांच
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि 13 मार्च को अपर निदेशक के द्वारा जानकारी दिया गया है कि सिकल सेल एनीमिया पीड़ित बच्चे की खून के अभाव में मौत हो गई थी. इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया था. रिम्स के अपर निदेशक वाघमारे प्रसाद कृष्ण के नेतृत्व में जांच किया गया. जांच उपरांत यह निष्कर्ष निकला है कि रिम्स ब्लड बैंक के लैब टेक्निशियन विजय कृष्ण राव और लैब टेक्निशियन रत्नेश कुमार की लापरवाही के कारण 12 वर्षीय सिकल सेल एनीमिया पीड़ित बच्चे रेशु महली की मौत हुई है. इसे देखते हुए दोनों ही कर्मचारियों को 7 दिन के लिए निलंबित किया गया है. साथ ही दोनों कर्मचारियों को यह चेतावनी भी दी गई है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं करेंगे.
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