Ranchi : Nucleus Mall के संचालक विष्णु अग्रवाल द्वारा नामकुम के मौजा पुगड़ू में खरीदी गयी 10 एकड़ खासमहाल की भूमि समेत, तीन विवादित जमीन मामलों की जांच के लिए भू-राजस्व विभाग द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपते हुए सरकार से एक माह का अतिरिक्त समय मांगा है. एसआईटी का नेतृत्व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ए मुथु कुमार कर रहे हैं. टीम में उनके अलावा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार की अपर सचिव सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव और अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी टीम सदस्य हैं.
एसआईटी को बिल्डर विष्णु अग्रवाल द्वारा खरीदी गयी जमीन के अलावा पुलिस हाउसिंग कॉलोनी, नगड़ी अंचल के पुंदाग में विवादित जमीन की खऱीद-बिक्री की भी जांच का जिम्मा सौंपा गया है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत की गयी थी कि सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया मिलकर जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस शिकायत पर जांच के आदेश दिये थे.
एसआईटी ने विभाग को सौंपी अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट में कार्रवाई संबंधी प्रारंभिक औपचाचारिकताओं की जानकारी देते हुए एक महीने का अतिरिक्त समय मांगा है. विभाग इसपर विचार कर रहा है.
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क्यों आना पड़ा विभाग को एक्शन में
केस 1
नगड़ी अंचल के पुंदाग में विवादित जमीन की खऱीद-बिक्री की गयी थी. मामले पर कमिश्नर ने जांच करा कर रांची डीसी को कार्रवाई के लिए भेजा था. उपायुक्त को जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने संबंधी पत्र दिया गया था. 10 रिमाइंडर देने के बाद भी इसपर कार्रवाई नहीं हुई.
केस 2
नामकुम अंचल के मौजा पुगड़ू में करीब 10 एकड़ खासमहाल जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की गयी थी. रजिस्ट्री भी करा ली गयी थी. विभाग की तरफ से इस जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आग्रह किया गया था. लेकिन रांची जिला प्रशासन की तरफ से सात रिमाइंडर के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी. यह जमीन जाने-माने बिल्डर विष्णु अग्रवाल की कंपनी ने ली है.
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केस 3
कांके स्थित पुलिस हाउसिंग कॉलोनी, जिसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने अपनी पत्नी के नाम पर करीब 50 डिसमिल जमीन खरीद थी. एसआइटी इसकी जांच भी कर रही है. विभाग का कहना है कि छह जून, 2019 को डीसी रांची को मामले की जांच कर विभाग को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था. विभाग की तरफ से तीन बार रिमाइंडर भी दिया गया. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
केस 4
मुख्यमंत्री सचिवालय में जमीन संबंधी एक शिकायत की गयी थी. कहा गया था कि सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया मिलकर दस्तावेजों में हेरफेर और जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर रहे हैं. सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचा जा रहा है. इस मामले पर विभाग की तरफ से जिला प्रशासन को एक अक्टूबर 2020 तक जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था. अभी तक जांच रिपोर्ट विभाग में नहीं भेजी गयी है.
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