NewDelhi : कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. शुक्रवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार का घमंड और असंवेदनशीलता साफ नजर आ रही है. आरोप लगाया कि नये कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया, इस पर संसद में सही तरीके से चर्चा तक नहीं की गयी.
राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले पूरी तरह बेनकाब हो गये
जानकारी के अनुसार बैठक में सोनिया गांधी ने ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित वॉट्सएप चैट का हवाला देते हुए कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गये हैं. अर्नब गोस्वामी के लीक हुए वॉट्सऐप चैट पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूर्ण रूप से समझौता किया गया.
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सरकार निजीकरण की हड़बड़ी में है
सोनिया गांधी ने कहा, एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है. यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किये जाने की जरूरत है. इत क्रम में अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए सोनिया ने कहा कि सरकार निजीकरण की हड़बड़ी में है.
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तो अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं
इसके अलावा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की जारी इस महत्वपूर्ण बैठक से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि मई में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है. खबर है कि बैठक में मई में संगठनात्मक चुनाव कराने को लेकर सहमति बनती दिख रही है.
खबर है कि अगर राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने से मना करते हैं तो अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बात की संभावना इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि गहलोत गांधी परिवार के बेहद करीबी और विश्वसनीय हैं.
अशोक गहलोत, आनंद शर्मा के बीच तीखी बहस की खबर
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार CWC की बैठक में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और आनंद शर्मा के बीच तीखी बहस भी हुई. बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने आनंद शर्मा पर भड़कते हुए कहा कि आप हर 6 महीने में अध्यक्ष का चुनाव मांगते हैं, क्या आपको पार्टी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है.
कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा, स्थिति जस की तस
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर अपनी नाराजगी फिर से जाहिर की है. कहा कि संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उनसे मुलाकात भी की थी.
इसके बावजूद आंतरिक चुनाव को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है. स्थिति जस की तस बनी हुई है. सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस पर खुली चर्चा की थी लेकिन आंतरिक चुनाव के लेकर अबतक कोई रेस्पॉन्स नहीं आया है.