Saurav Singh
Ranchi: कई बार घटना के बाद फॉरेंसिक जांच शुरू होने में देर होती है. फॉरेंसिक टीम के पहुंचने तक साक्ष्य हट भी जाते हैं. लेकिन अब झारखंड में इसके लिए नयी व्यवस्था शुरू होने जा रही है. अब घटनास्थल से फॉरेंसिक नमूने एकत्र करने और प्रारंभिक व कुछ सामान्य जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. सभी जिलों व राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) के लिए 25 फॉरेंसिक लैब वैन की खरीद की जाएगी. साथ ही फॉरेंसिक जांच से जुड़े अन्य आवश्यक उपकरण की भी खरीदारी होगी. झारखंड सरकार के गृह विभाग ने इसपर अपनी स्वीकृति दे दी है. खरीदारी के लिए गृह विभाग ने 24.29 करोड़ रुपया आवंटित किया है. यह तब संभव होने जा रहा है, जब हाईकोर्ट ने पिछले दिनों धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के बाद कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विरुद्ध टिप्पणी की थी.
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हाईकोर्ट में शपथ पत्र दायर किया गया था
एसएफएसएल के निदेशक ने हाईकोर्ट में बीते साल 21 अक्टूबर को शपथ पत्र दायर किया था. जिसमें गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को पत्राचार किया था, और इसकी आवश्यकता व एसएफएसएल को अपग्रेड करने से संबंधित प्रस्ताव दिया था. हर जिला में एक फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (डीएफएसएल) व एक फॉरेंसिक लैब वैन तैनात होगा.
पूर्व में खरीदे गए 18 फॉरेंसिक लैब वैन हो चुके हैं जर्जर
राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए पूर्व में 18 फॉरेंसिक लैब वैन खरीदी गई थी. किसी भी वाहन के लिए 15 साल की उम्र निर्धारित है. ये लैब वैन अलग राज्य गठन के बाद खरीदे गए थे, जो जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं. एसएफएसएल ने गृह विभाग को सुझाव दिया है कि इन 18 लैब वैन में जो मरम्मत लायक हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी. लेकिन जो पूरी तरह खराब हो चुकी हैं, उन्हें हटाया जाएगा. पुराने को मरम्मत कराकर व नए की खरीदारी कर कुल 25 फॉरेंसिक लैब वैन को जिलों व एसएफएसएल मुख्यालय में तैनात किया जाएगा.
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