Ranchi : श्रावण कृष्ण पक्ष की कामदा एकादशी व्रत के उपलक्ष्य पर गुरुवार को श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में आगमोक्त विधि से अनुष्ठान किया गया. प्रातः अखंड ब्रह्मांड के अधिपति का विश्वरूप दर्शन, सुप्रभातम् , मंगलाशासनम् एवं वेकटेंश स्तोत्रम् के पश्चात षोडशोपचार पूर्वक नित्याराधन संपादन हुआ. इसके बाद परमानंदस्वरूप सनातन परिपूर्ण ब्रह्म श्रीमन्नारायण भगवान का दंत धावन, जिह्वा निर्लेह्न आचमनीय, पुनराचमनीय, छत्र, चंवर, व्यजन दर्पण, पादुका उपचारों को मंत्रों से समर्पण किया. फिर मन्दहास्य युक्त मुखवाले भगवान के चेहरे को सुगंधित संब्रानी धूप के धूएं में मलमली कपड़े को सुवासित करके बारंबार पोछा गया. मूल विग्रह, उत्सव मूर्ति, शयन मूर्ति एवं शालिग्राम स्वरूप श्रीपति एक ही भगवान के चार व्यूह हैं. इनके साथ श्रीदेवी लक्ष्मी, श्रीभूमिदेवी लक्ष्मी और आयुधवर चक्रराज सुदर्शन इन सभी विग्रहों का एक समान उपचार और सेवा हुआ. फिर श्रुतिसम्मत स्तुतियों से स्तवन किया गया. महाआरती हुई और फलाहारी व्यंजनों का नैवेद्य चढ़ाया. सत्यनारायण गौतम गोपेश आचार्य और नारायण दास ने मिलकर पूजन -अनुष्ठान को विधिवत संपन्न कराया. रामअवतार नारसरिया, राजेश सुल्तानिया प्रदीप नारसरिया अनूप अग्रवाल रंजन सिंह शम्भू नाथ पोद्दार, प्रभाष मित्तल गौरीशंकर साबू घनश्याम दास शर्मा के अतिरिक्त सैकड़ों भक्तों ने पूजा- अर्चना कराकर अपने अभीष्टों की पूर्ति के लिए मंगल प्रार्थना किया.
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