Patna : भाकपा के उभरते सितारे कन्हैया कुमार ने नीतीश सरकार में मंत्री और जदयू कुमार के मंत्री और अशोक चौधरी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगायी जी रही हैं. चर्चा यह भी है कि कन्हैया जदयू में शामिल हो सकते हैं. कन्हैया को फिलहाल उनकी पार्टी ने अलग-थलग कर रखा है. उन पर पटना में पार्टी के एक पदाधिकारी के साथ कथित हाथापाई के आरोपों के बाद सेंसर प्रस्ताव पारित किया गया था.
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पहले भी नीतीश की ओर दिखा है झुकाव
जेएनयू के फायर ब्रांड छात्र नेता रहे कन्हैया का झुकाव कई मौकों पर पार्टी लाइन के विपरीत नीतीश की दिखा है. ऐसे में कन्हैया कुमार के रविवार को अशोक चौधरी से हुई मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
नीतीश के बेहद करीबी हैं अशोक चौधरी
अशोक चौधरी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष थे. उन्होंने जदयू को बसपा विधायक ज़ामा खान और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह का समर्थन दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. दोनों को पिछले सप्ताह ही नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. चौधरी ने लोजपा के एकमात्र विधायक राज कुमार सिंह को कुछ हफ्तों पहले एक किताब विमोचन समारोह में आमंत्रित कर लोजपा खेमे में भी खलबली मचा दी थी.
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लोस चुनाव में भी कन्हैया और पार्टी में हुआ था तनाव
इससे पहले, लोकसभा चुनावों के दौरान भी इस उभरते नेता और उसकी पार्टी के बीच तनाव हो गया था. सीपीआई ने कथित तौर पर कन्हैया पर दबाव डाला था कि वह चंदे से जमा की गयी धनराशि का एक हिस्सा पार्टी कोष में जमा करे. कन्हैया ने अपने गृह क्षेत्र बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था. वे केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह से बड़े अंतर से हार गये थे.
मुलाकात पर दोनों पार्टियां दे रही सफाई
कन्हैया कुमार के साथ-साथ अशोक चौधरी के करीबी सूत्रों ने इसे एक “गैर-राजनीतिक” बैठक बताया है. उन्होंने कहा कि दोनों एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. इधर इस मुलाकात को लेकर बेगूसराय में सीपीआई के जिला मंत्री अवधेश राय ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कन्हैया ने चौधरी से मुलाकात की थी. इसका यह अर्थ निकालना कि कन्हैया जदयू में शामिल हो जायेंगे, भ्रामक है. कन्हैया कुमार वामपंथी विचारधारा का है और वो किसी भी पूंजीवादी दल में शामिल नहीं होगा.
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