Ranchi : झारखण्ड हाईकोर्ट में रांची में रथ यात्रा निकाले जाने की अनुमति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से पूर्व महाअधिवक्ता और वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा. प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि छिन्नमस्तिका मंदिर के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के स्तर से उचित निर्णय लिए जाने का आदेश पूर्व में पारित किया गया था. इसलिए वर्तमान में रांची के जगन्नाथ मंदिर जहां 300 वर्षों से ज्यादा वक्त से रथ यात्रा निकाले जाने की परम्परा है.
इस रथ यात्रा से राज्य भर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इसलिए सरकार को उचित आदेश दिया जा सकता है. हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मामला राज्य सरकार के द्वारा निर्णय लिए जाने योग्य है. यदि सरकार ऐसा निर्णय लेती हूं कि मंदिर समिति सेवकों के साथ यात्रा निकालने की अनुमति देती है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों के आधार पर ही सरकार ऐसा निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है.
अदालत ने यह भी कहा कि क्योंकि आदेश की मूल प्रति निर्गत होने में देर हो सकती है .इसलिए सरकार की ओर से मौजूद अपर महाधिवक्ता सरकार को मौखिक सूचना देंगे. ताकि आदेश की मूल प्रति प्राप्त नहीं होने की स्थिति में भी यथाशीघ्र उचित निर्णय लिया जा सके. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन एवम जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अपना पक्ष रखा. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सुगंधा और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने भी अपना पक्ष रखा है.
इसे भी पढ़ें – प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे ऑक्सीजन पर समीक्षा बैठक, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकार एक्शन मोड में
तीन सौ साल से ज्यादा समय से रांची के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकलती है
बता दें कि रांची के जगन्नाथपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकालने की मांग को लेकर झारखण्ड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. रथ यात्रा निकलने का आदेश दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति की तरफ से हाईकोर्ट के अधिवक्ता कुशल कुमार ने यह जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि पिछले तीन सौ साल से ज्यादा समय से रांची के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकलती है.लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए रथ यात्रा नहीं निकली गई थी.सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पुरी में रथ यात्रा निकालने अनुमति प्रदान की थी.
इसे भी पढ़ें – चिराग पासवान की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज
रथ यात्रा में मात्र 101 लोग शामिल होंगे
याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रांची में भी जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी तक रथ यात्रा निकालने की इजाजत दी जाए. रथ यात्रा में मात्र 101 लोग शामिल होंगे. जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन प्राप्त की हो और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव हो. याचिका के माध्यम से झारखण्ड सरकार के 30 जून के आदेश में संशोधन की मांग की गई है जिसके तहत राज्य के मंदिरों को खोलने और जुलूस निकालने पर रोक लगाई गई है. प्रार्थी ने हाईकोर्ट से कुछ शर्तों के साथ सीमित लोगों के साथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने की मांग की है. बता दें कि फिलहाल झारखंड में आम लोगों के लिए मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल बंद रखे गए हैं.
इसे भी पढ़ें – टीसीएस का मुनाफा पहली तिमाही में 28 फीसदी बढ़ा, कंपनी ने 7 रुपये डिविडेंड का किया एलान