Ranchi: कोरोना काल के बाद झारखंड के कुछ स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है. फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा खत्म होने के बाद अब बाकी सेमेस्टर्स की परीक्षा भी ऑफलाइन ली जायेगी. मुख्य रुप से श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी, रांची यूनिवर्सिटी और विमेंस कॉलेज में ऑफलाइन परीक्षा होगी. इसके कारण एक बार फिर से विद्यार्थियों का रांची आना शुरू हो चुका है. झारखंड ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी स्टूडेंट रांची पहुंच रहे हैं.
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कोरोना काल में रहने की सुविधा को लेकर चिंतित हैं स्टूडेंट्स
विद्यार्थियों के लिये सबसे बड़ी चिंता कोरोना काल में रहने की सुविधा को लेकर है. अब स्टूडेंट्स को अपने खाने-पीने की सुविधा के साथ-साथ सावधानियों का भी ख्याल रखना है. इधर विद्यार्थियों के स्वास्थय को ध्यान में रखते हुए हॉस्टल और लॉज के संचालक भी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी में है. राजधानी के विभिन्न इलाकों में ज्यादातर हॉस्टल्स और लॉज खुल चुके हैं. इन हॉस्टल्स में खाने-पीने की सुविधाओं के साथ-साथ सावधानियां भी बरती जा रही हैं.
संचालकों के अनुसार, हर बजट में हॉस्टल-लॉज में कोरोना से सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. कोरोना काल के बाद सुविधाओं के साथ-साथ हॉस्टलों में कोरोना सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम किए गये हैं.
जानें कोरोना सुरक्षा को लेकर किए गये हैं क्या खास इंतजाम
- हॉस्टल और लॉज में बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है.
- मेस में खाना लेते वक्त मास्क लगाना और हैंड सेनेटाइज करना कंप्लसरी है.
- खाना बनाने वाले भी मास्क लगाकर ही खाना बना रहे हैं.
- ज्यादातर हॉस्टलों में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गयी है.
- स्टूडेंट्स की इम्यूनिटी को ध्यान रखते हुए खाने में हरी साग-सब्जियां दी जा रही हैं.
- कुछ जगहों में कोरोना और बदलते मौसम को देखते हुए पीने के पानी को गर्म करने की अनुमति भी दी गयी है. हालांकि पानी गर्म करने का शुल्क अलग से लिया जा रहा है.
कहीं हुए बेड कम तो कहीं हॉस्टलों को कर दिया बंद
- सफाई की व्यवस्था पहले से बेहतर की गयी है. पहले सप्ताह में दो बार बाथरुम की सफाई होती थी, अब हफ्ते में 4 से 5 बार की जा रही है.
- हॉस्टलों में बेड की संख्या भी पहले से कम कर दी गयी है. जहां पहले एक कमरे में 5 बच्चे रहते थे, वहां उनकी संख्या घटाकर 3 कर दी गयी है.
- पहले की तुलना में हॉस्टलों की संख्या में कमी आयी है. जो लोग अपने घरों में ही लॉज चलाते थे, उन्हें बंद करवा दिया गया है.
- कुछ हॉस्टलों में जहां मेस की सुविधा नहीं है, वहां स्टूडेंट्स को अपने कमरों में सुविधानुसार खाना बनाने का अनुमति दी गयी है.
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हॉस्टल और लॉज के रेंट में हुई बढ़ोतरी
कोरोना महामारी के बाद कुछ संचालकों ने हॉस्टल और लॉज पूरी तरह बंद कर दिये हैं. इस वजह से पहले कि तुलना में हॉस्टल और लॉज का किराया बढ़ा है.
हॉस्टल और लॉज का किराया
पहले | अब
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हॉस्टल | 4000-5500 | 4200-6000 |
लॉज | 1500-2200 | 2000-2500
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हॉस्टल और लॉज की संख्या
पहले | अब
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वर्धमान कंपाउंड | 30 | 25
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कोकर | 15 | 10 |
लालपुर | 25 | 22 |
थड़पखना | 20 | 17 |
क्या है कहना हॉस्टल संचालकों का कहना
हॉस्टल के संचालकों का कहना है कि पहले के मुताबिक मिलने वाले फूड्स की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. वे स्टूडेंट्स की इम्यूनिटी को ध्यान में ऱखते हुए हरी साग-सब्जियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ संचालकों ने बताया कि वे स्टूडेंट्स को अपने घरों से खाना उपलब्ध करवा रहे हैं.
कुछ हॉस्टल के संचालकों ने यह भी बताया कि पहले उनका हॉस्टल लॉजिंग फूडिंग दोनों सिस्टम था. लेकिन करोना की वजह से उन्होंने फूडिंग सिस्टम बंद कर दिया है. और स्टूडेंट्स को अपने ही कमरों में सुविधानुसार खाना बनाने का अनुमति दी है.
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जानें क्या कह रहे हैं स्टूडेंट्स
ज्यादातर स्टूडेंट्स का कहना है कि पहले की तुलना में बेड की संख्या कम कर दी गयी है. इस कारण उनका हर महीने का किराया 100-200 रुपये बढ़ा दिया गया है. साथ ही खाने की कीमत भी बढ़ा दी गयी है. कीमत बढ़ाने के बाद भी खाने की क्वालिटी में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है.