NewDelhi : भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर हल्ला बोला. स्वामी ने ट्वीट कर कहा. जिसने भी भाजपा- पीडीपी गठबंधन का सीएम मुफ़्ती को बनाया था, उसे अब माफी मंगनी चाहिए.
Who foisted Mehbuba Mufti as CM of the BJP coalition J&K? What anti national rubbish she now is saying makes me demand that someone who foisted her should publicly apologize for this Himalayan blunder.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 21, 2021
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धारा 370 को वापस करने का आग्रह किया
बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से अफगानिस्तान से सबक लेने के लिए कहा था, तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर अमेरिका को भागने पर विवश किया. महबूबा मुफ्ती ने तालिबान का समर्थन करने के साथ ही सरकार से जम्मू-कश्मीर में बातचीत करने और 2019 में रद्द धारा 370 को वापस करने का आग्रह किया.
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महबूबा को जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री किसने बनाया
इसी पर भाजपा सांसद ने तंज कसते हुए ट्वीट कर किया. महबूबा मुफ्ती को भाजपा-पीडीपी गठबंधन का जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री किसने बनाया था? वह अब जो राष्ट्र विरोधी बकवास कह रही है, उससे मैं यह मांग करता हूं कि जिसने भी यह निर्णय लिया था, उसे इस हिमालयी भूल के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
यह बहुत बड़ा ब्लंडर था
इसपर एक हरी नाम के यूजर ने लिखा, हमने मुफ्ती के साथ सरकार बनाकर धारा 370 को खत्म कर दिया. यह एक हिमालयी सफलता थी. जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा,अनुच्छेद 370 को राष्ट्रपति की अधिसूचना द्वारा हटाया गया था. जम्मू-कश्मीर सरकार का इससे क्या लेना-देना है? क्या आप अनपढ़ हैं या मुफ्ती अनुयायी हैं? रोहित नाम के एक यूजर ने लिखा कि जी हां मुफ़्ती के साथ सत्ता के लिए भाजप का गठबंधन सबसे बड़ी गलती थी. स्वामी का जवाब था, गलती, यह बहुत बड़ा ब्लंडर था.
घृणा की राजनीति कर रही है महबूबा : भाजपा
महबूबा की तालिबान संबंधी टिप्पणी पर भाजपा ने हल्ला बोलते हुए उन पर जम्मू कश्मीर में जमीन खोने के बाद घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि जो कोई भी भारत के खिलाफ साजिश करेगा उसे नष्ट कर दिया जायेगा. जान लें कि अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से कश्मीरियों की परीक्षा नहीं लेने की चेतावनी दी और सरकार सेअपने तरीके सुधारने, स्थिति को समझने और अपने पड़ोस में क्या हो रहा है वह देखने के लिए कहा.
महबूबा ने 5 अगस्त, 2019 के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, एक महाशक्ति,अमेरिका को अपना बोरिया बिस्तर समेटकर भागना पड़ा. आपके (केंद्र) पास अभी भी जम्मू-कश्मीर में एक संवाद प्रक्रिया शुरू करने का अवसर है जैसे वाजपेयी जी ने किया था. आपके पास जम्मू-कश्मीर की पहचान को अवैध रूप से और असंवैधानिक तरीके से छीनकर की गयी गलती को सुधारने का एक मौका है.