Ranchi : झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा झारखंड में संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी दौरान पिछले दो दिनों के दौरान सुरक्षाबलों ने दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया. 15 जुलाई गुमला जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ क्षेत्र के जंगल में भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर 15 लाख इनामी बुद्धेश्वर को मुठभेड़ में मार गिराया तो वहीं दूसरी तरफ 16 जुलाई की रात्रि में खूंटी-चाईबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 लाख इनामी शनिचर सुरीन मारा गया. शनिवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीरज सिन्हा ने बुद्धेश्वर उरांव के एनकाउंटर में शामिल गुमला एसपी हरदीप पी जनार्दन समेत कई पुलिस अधिकारी और जवानों को सम्मानित किया.
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तीन दिन से चल रहा था अभियान
माओवादी बुद्धेश्वर को भाकपा माओवादियों के रीजनल कमेटी के साथ साथ कोयल शंख जोन का सचिव भी था. बुद्धेश्वर के खिलाफ गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा और गढ़वा जिले में 109 मामले दर्ज थे. नक्सल बुद्धेश्वर के गुमला के कुरूमगढ़ के जंगल में छिपे होने की सूचना थी. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने 13 जून से अभियान शुरू किया था. अभियान के पहले दिन आईईडी की चपेट में आने से श्वान द्रोण शहीद हो गया था, जबकि उनके हैंडलर को भी गंभीर चोटें आयी थीं. दूसरे दिन 14 जून को अभियान के दौरान ही सुरक्षाबलों की मदद के लिए आए ग्रामीण की भी मौत आईईडी की चपेट में आने से हो गई थी. गुरुवार की सुबह सुरक्षाबलों की टीम अभियान में ही थी, तभी माओवादियों ने फायरिंग की. जवाबी फायरिंग में बुद्धेश्वर मारा गया. पुलिस ने मौके से एके 47, दो इंसास राइफल, आईईडी, समेत कई अन्य सामान बरामद किए.
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मुठभेड़ में मारा गया 10 लाख इनामी शनिचर सुरीन
16 जुलाई की रात में खूंटी और चाईबासा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में झारखंड पुलिस द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस को देखते उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें एक उग्रवादी मारा गया. मारे गए उग्रवादी की पहचान पीएलएफआई के जोनल कमांडर शनिचर सुरीन उर्फ चरका के रूप में हुई. शनिचर सुरीन के ऊपर 10 लाख का इनाम घोषित था. शनिचर सुरीन मूल रूप ने गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र गुंडीकेरा गांव का रहने वाला था. पुलिस ने मौके से दो पिस्टल आठ बरामद किया है.
लक्ष्य का पीछा करने पर मिली सफलता : डीजीपी
डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि शानदार एनकाउंटर रहा. इसमें हमारे जवानों ने हौसला बनाए रखा और लगातार लक्ष्य का पीछा करते रहे, तब जाकर सफलता मिली है. बुद्धेश्वर उरांव का एनकाउंटर पिछले 15-20 सालों में सबसे अच्छा एनकाउंटर रहा. डीजीपी नीरज सिन्हा ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि सरकार की सरेंडर नीति के तहत आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे.