Ranchi : रांची नगर निगम की वार्ड 19 की पार्षद रोशनी खलखो पर झूठा मुकदमा को वापस लेने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित कुछ पार्षद उपस्थित थे.
मेयर ने कहा कि पार्षद रोशनी खलखो के खिलाफ रांची पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं है. उनपर झूठा केस दर्ज किया गया है. निगम परिषद की बैठक में पार्षदों ने भी इस मामले पर यही कहा था कि यदि कोई जनप्रतिनिधि कहीं जा रहा हो और भीड़ में से कोई उन्हें आवाज देकर रोक ले तो क्या वह संबंधित घटना के प्रति जिम्मेदार होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा काफिले पर हमले की जिम्मेदार महिला पार्षद ने बीते दिनों ही पुलिस को सरेंडर किया है. उसे होटवार जेल भेज दिया गया है.
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प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की, सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग
मेयर ने सुखदेव नगर थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों सुखदेवनगर थाना प्रभारी रात में पार्षद रोशनी खलखो के ससुराल पहुंची और उनकी 6 वर्षीय बेटी व सास-ससुर को काफी टॉर्चर किया. पार्षद के पति को साथ ले गई और उन्हें यातनाएं देने के बाद किसी दूसरे स्थान पर छोड़ दिया. रांची पुलिस पार्षद के ससुराल व मायके वालों को बेवजह परेशान करने के साथ-साथ उन्हें प्रताड़ित भी कर रही है.
सुखदेवनगर थाना प्रभारी की करतूत सीसीटीवी में रिकॉर्ड है. आशा लकड़ा ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप कर सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग की है.मेयर ने बताया कि राज्यपाल ने सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. साथ ही आश्वस्त किया है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
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हेमंत सरकार में आदिवासी महिलाओं के साथ बढी है आपराधिक घटनाएं
प्रेस बयान जारी कर मेयर ने राज्य सरकार पर भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि हेमंत सरकार आदिवासी विरोधी सरकार है. हेमंत सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में लगभग 800 आदिवासी महिलाएं व युवतियां दुष्कर्म की शिकार हुई हैं. लगातार आदिवासी समाज के लोगों को नरसंहार किया जा रहा है. आदिवासी होते हुए भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासी विरोधी कार्य कर रहे हैं. पार्षद रोशनी खलखो भी आदिवासी महिला हैं, इसीलिए हेमंत सोरेन की सरकार उन्हें झूठे मामले में फंसाकर प्रताड़ित कर रही है.
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