Ranchi : शहर के कई इलाकों में बोरिंग सूख जाने से पानी की विकट समस्या बनी हुई है. कई जगहों पर डीप बोरिंग भी फेल हो गई. रांची नगर निगम के पानी टैंकर से ही लोगों को राहत मिल रही है. काफी हद तक लोग पानी टैंकर पर आश्रित हैं. मगर निगम की तरफ से पानी टैंकर के रखरखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. निगम के बहुत सारे वाटर टैंकर में जंग लग गए हैं. जंग लगे टैंकर से ही पीने के पानी का वितरण किया जाता है. इस साल गर्मी में नगर निगम ने 45 वाटर टैंकर खरीदने का निर्णय लिया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. टैंकर खरीदने पर सहमति के लिए होने वाली निगम परिषद की बैठक में भी अडंगा लग गया है. इस कारण इसमें और देरी होने की संभावना है.
5 साल पुराने वॉटर टैंकर हो रहे यूज
नगर निगम में ऐसे भी वाटर टैंकर हैं, जो पांच साल पुराने हैं. इस टैकर की कभी सफाई नहीं हुई. गर्मी के मौसम में इसे यूज किया जाता है. पांच हजार लीटर की क्षमता वाले इस टैंकर के अंदर और बाहर दोनों हिस्सों में जंग लग चुका है. इसके ड्राइवर ने बताया कि टैंकर की कभी सफाई नहीं होती. अंदर जंग लग गया है. पांच साल से यही चल रहा है. ऐसे भी टैंकर हैं, जो कबाड़ हो गए हैं. लेकिन उनकी रिपेयरिंग नहीं कराई जा रही.
बगैर इस्तेमाल हुए ही ये टैंकर कबाड़ होते जा रहे
नगर निगम ने दो साल पहले नए टैंकर की खरीदारी की थी. लेकिन उसकी क्वालिटी सही नहीं होने के कारण बगैर इस्तेमाल हुए ही ये टैंकर कबाड़ होते जा रहे हैं. पानी वितरण करने वाले ड्राइवर ने बताया कि रांची के पानी में आयरन काफी अधिक है. इसलिए इस टैंकर में बहुत जल्दी जंग लग जाता है. लेकिन अगर टैंकर अच्छे मैटेरियल से बना हो, तो ऐसी स्थिति नहीं होती. नगर निगम काफी पुराने टैंकर यूज कर रहा है. इसलिए समस्या और बढ़ी हुई है.
निगम में फिलहाल 57 वाटर टैंकर हैं, आधे से अधिक खराब
. नगर निगम में फिलहाल 57 वाटर टैंकर हैं. इनमें आधा से अधिक खराब हैं. पानी वितरण से पहले खराब टैंकर की रिपेयरिंग और उसकी डेंटिंग-पेंटिंग की जरूरत बतायी गयी है. लेकिन अबतक निगम की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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