NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व CJI रंजन गोगोई को कथित यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने के षड्यंत्र की जांच प्रक्रिया बंद कर दी है. बता दें कि जांच के लिए स्वत: संज्ञान लिया गया था. हालांकि इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
कहा कि इस तरह की साजिश को जस्टिस गोगोई के फैसलों से जोड़ा जा सकता है, जिसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) पर उनके विचार भी शामिल हैं.
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रिपोर्ट में पूर्व सीजेआई के खिलाफ साजिश को स्वीकार किया गया है
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पूर्व न्यायमूर्ति एके पटनायक की रिपोर्ट के आधार पर है. न्यायमूर्ति पटनायक को न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ आरोपों में बड़ी साजिश की जांच करने को कहा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस पटनायक की रिपोर्ट में पूर्व सीजेआई के खिलाफ साजिश को स्वीकार किया गया है. इसे खारिज नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट के अनुसार इस घटना दो साल गुजर चुके हैं और गोगोई को फंसाने के षड्यंत्र की जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत ही कम रह गयी है. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोपों के पीछे साजिश होने का दावा किया था.
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महिला ने जस्टिस गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था
साल 2019 में एक महिला ने श्री गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच कराने का आदेश दिया था. साथ ही कहा था कि आरोप बेहद गंभीर हैं. हमें सच्चाई का पता लगाना होगा. अगर हमने हमारी आंखें बंद कर ली तो देश का भरोसा उठ जायेगा. इसके बाद जस्टिस पटनायक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. जस्टिस पटनायक कमेटी ने अक्टूबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंप दी थी.
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