NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नारद घोटाला मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट का 9 जून का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिये जाने की खबर आयी है. यह मामला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने से जुड़ा हुआ है. बता दें कि सीबीआई की स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार का हलफनामा रिकार्ड पर लेने से इन्कार कर दिया था. SC ने सोमवार 28 जून तक हाईकोर्ट में आवेदन दाखिल करने का निर्देश बंगाल सरकार को दिया है. मामला नारद घोटाले में सीबीआइ द्वारा तृणमूल के चार नेताओं की गिरफ्तारी के दौरान मुख्यमंत्री और कानून मंत्री की भूमिका से जुड़ा हुआ है.
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जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने स्वयं को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था
खबर है कि जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से ममता और घटक की अर्जियों पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. जान लें कि मंगलवार को सुनवाई शुरू होने से पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने स्वयं को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था. इसके बाद मामला मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष पेश किया गया. बाद में मामला जस्टिस विनीत सरन और दिनेश माहेश्वरी की पीठ के सामने सुनवाई के लिए लगा. जस्टिस सरन ने उस समय मामले को उनकी पीठ के लिए नया बताते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. उन्होंने हाई कोर्ट से 25 जून से पहले सुनवाई न करने का आग्रह किया था.
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दो अपील बंगाल सरकार और कानून मंत्री मलय घटक द्वारा दाखिल की गयी हैं
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाई कोर्ट के गत नौ जून के आदेश के खिलाफ तीन अपील लंबित हैं. दो अपील बंगाल सरकार और कानून मंत्री मलय घटक के द्वारा दाखिल की गयी हैं. सीबीआई की स्थानांतरण याचिका में ममता बनर्जी और घटक की ओर से दाखिल हलफनामा रिकार्ड पर लेने से हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया था. जबकि तीसरी याचिका ममता बनर्जी ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. यह मामला 17 मई को सीबीआइ द्वारा नारद घोटाले में तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के समय ममता बनर्जी और घटक की भूमिका से जुड़ा हुआ है
सीबीआइ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि राज्य के सत्ताधारी दल के नेताओं ने सीबीआइ को कानूनी कर्तव्य निर्वहन से रोका था. मालूम हो कि 17 मई को सीबीआइ ने नारद घोटाले में तृणमूल के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था, सीबीआइ का आरोप है कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआइ दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गयी थीं. कानून मंत्री वर्चुअल सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे.