Patna: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्य सभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. भाजपा ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (को राज्य सभा उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा की इस एक सीट पर चुनाव आयोग तैयारी कर चुका है और इस पर 14 दिसंबर को उपचुनाव होगा.
राजधानी में नरक – पार्ट 4..
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सियासी सफर..
सुशील मोदी के सियासत की शुरुआत छात्रसंघ की राजनीति से हुई. 1973 में सुशील मोदी पटना कॉलेज में छात्रसंघ के महामंत्री और लालू यादव (Lalu Yadav) अध्यक्ष बनें. इसके बाद वह बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के सदस्य 1974 में बने. यहीं से वह जय प्रकाश नारायण के आंदोलन जिसे ‘जेपी मूवमेंट’ या ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ कहा जाता है उससे जुड़ गए. इस दौरान उन्होंने आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
90 के दशक में सक्रिय राजनीति में एंट्री
1990 का यह वह साल है जब सुशील मोदी पूर्ण रुप से सक्रिय राजनीति में आ गए. 1990 के विधानसभा चुनाव में पटनासेंट्रल सीट (वर्तमान में कुम्हरार विधानसभा) से सुशील मोदी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. इसके बाद वह इस सीट से दो बार चुनाव लड़े और उन्हें दोनों बार जीत हासिल हुई.
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बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा
सुशील मोदी आज भी बिहार की राजनीति में प्रासंगिक बने हैं. पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह आज भी कोई सुशील मोदी का किला नहीं ढहा पाया है. सूत्र तो यह भी कहते हैं कि अगर बीजेपी के अंदर थोड़ी सी भी नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज उठती है तो सुशील मोदी आगे आकर खड़े हो जाते हैं.
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