Ranchi : स्वच्छ सर्वेक्षण में झारखंड देश के 100 शहरों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य बना है. दिल्ली में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया. विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में नगर विकास सचिव विनय चौबे, सूडा डायरेक्टर अमित कुमार और विभाग की टीम ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार ग्रहण किया. वहीं इस बार भी छत्तीसगढ़ भारत का सबसे स्वच्छ राज्य बना है, जबकि भारत के सबसे स्वच्छ गंगा टाउन का पुरस्कार वाराणसी को मिला है. वहीं सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट टाउन का पुरस्कार अहमदाबाद को मिला है.
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342 शहरों को स्वच्छता और कचरा मुक्त के लिए मिली स्टार रेटिंग
इस सर्वे में देश के करीब 4000 से ज्यादा शहरों को शामिल किया गया था. सर्वे में 342 शहरों को स्वच्छता और कचरा मुक्त के लिए स्टार रेटिंग मिली है. इसके अलावा सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज के तहत सेप्टिक टैंक और सीवर की सफाई के लिए अंदर आने वाले सफाई कर्मियों को सम्मानित किया गया. साथ ही इस काम के जोखिम में अपनी जान गंवाने वालों स्वच्छता कर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी गई.
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5 करोड़ से ज्यादा लोगों का लिया गया फिडबैक
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया है कि 2016 में जहां सर्वेक्षण में सिर्फ 73 प्रमुख शहरों ने हिस्सा लिया था, वहीं 2021 में 4,320 शहरों ने स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सा लिया है. यह स्वच्छ सर्वेक्षण का छठा संस्करण है, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है. बीते साल जहां करीब 1.87 करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता सर्वे में अपनी राय दी थी, वहीं इस बार 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
28 दिन में किया गया स्वच्छता सर्वेक्षण
कोरोना महामारी के कारण कई सुरक्षा चुनौतियां होने के बावजूद इस साल रिकॉर्ड 28 दिनों में यह स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस अवधि के दौरान कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन में सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि 6 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में जमीनी स्तर पर समग्र सुधार 5 फीसदी से 25 फीसदी हुआ है.
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इंसान से मैला ढुलवाना शर्मनाक, सभी निकाय मशीन से ढुलवाएं गंदगी- राष्ट्रपति
कार्यक्रम को संबोधित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण से स्वच्छता से जुड़े प्रयासों का आकलन हो रहा है. हाल के दिनों में स्वच्छता को लेकर देशवासियों की सोच में भी बदलाव हुआ है. अब छोटे बच्चे बड़ों को गंदगी फैलाने से रोकने-टोकने लगे हैं. इससे स्वच्छता के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं. उन्होंने विभाग को सुझाव दिया कि मशीन से गंदगी ढोने का काम शुरू हो. इंसान से मैला ढुलवाना शर्मनाक है.
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