Ranchi: संसद में टीएसी गठन का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में टीएसी के गठन पर सवाल खड़ा करते हुए गठन को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही कहा कि कांग्रेस और जेएमएम की हेमंत सरकार ने संविधान का उल्लंघन करते हुए और राज्यपाल के निहित अधिकारों की अवहेलना करते हुए जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन किया है. उन्होंने सदन में सवाल पूछते हुए कहा कि आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत टीएसी यानी जनजातीय सलाहकार परिषद के गठन का अधिकार दिया है. जिसमें राज्यपाल का भी अधिकार निहित है, लेकिन हेमंत सरकार ने राज्यपाल के अधिकारों को समाप्त करते हुए टीएसी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि मंत्री बताएं कि केंद्र सरकार ने इस पर क्या कार्रवाई की है.
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जनजातियों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो- मुंडा
दीपक प्रकाश के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह विषय संवेदनशील है. 5वीं अनुसूची के तहत जनजातीय क्षेत्रों को विशेष अधिकार प्रदत्त है. जो संवैधानिक अधिकार है उसका सही उपयोग हो. उन्होंने कहा कि झारखंड में टीएसी का गठन मंत्रालय के संज्ञान में है. जनजातियों की सुरक्षा, राज्यपाल के अधिकार व संविधान के तहत दिए गए अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए. राज्यों को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि टीएसी का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए न हो.
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22 जून को नयी नियमावली के तहत हुआ था टीएसी का गठन
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने टीएसी के गठन पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. राज्य सरकार ने टीएसी गठन की नियमावली में संशोधन करते हुए 4 जून को झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल रूल्स-2021 अधिसूचित किया था. नई नियमावली के तहत टीएसी के सदस्ये के चयन का अधिकार मुख्यमंत्री को दे दिया गया है, जबकि पहले इसपर राज्यपाल की मंजूरी जरूरी होती थी. 22 जून को नई नियमावली के आधार पर टीएसी का गठन हुआ था. नयी नियमावली को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और इसे गैर संवैधानिक बताया था.